चेन्नई, 20 अक्टूबर। तमिलनाडु भाजपा प्रवक्ता एएनएस प्रसाद ने रविवार को कहा कि उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा हाल में दिए गए बयानों पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की चुप्पी ने चिंता पैदा कर दी है।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल आर.एन. रवि और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ उदयनिधि स्टालिन की अपमानजनक टिप्पणी, विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने वाली है, इससे तमिल समाज को नुकसान होता है।
उन्होंने कहा, “उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी राज्यपाल की भूमिका को कमतर आंकती है, तथा यह संकेत देती है कि वह महज एक डाकिया हैं।”
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री ने राज्यपाल आर.एन. रवि को “आरएसएस रवि” कहा। उपमुख्यमंत्री का राज्यपाल के साथ यह व्यवहार ठीक नहीं है। इसमें राज्यपाल के प्रति गरिमा और सम्मान का अभाव है।
एएनएस प्रसाद ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन का मंत्री के रूप में तीन साल का कार्यकाल राष्ट्रीय अखंडता, एकता और सद्भाव को कमजोर करने वाले भड़काऊ भाषणों से भरा रहा है। उन्होंने तमिलनाडु में हिंदुओं, मुसलमानों और ईसाइयों के बीच सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उदयनिधि स्टालिन की बयानबाजी की जांच करने के लिए मांग की गई है।
तमिलनाडु की राजनीति लोगों के कल्याण की अपेक्षा व्यक्तिगत लाभ को प्राथमिकता देती है, जो समाज के विकास को नुकसान पहुंचा रही है।
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि वरिष्ठ नेता युवाओं का मार्गदर्शन करने के बजाय गलत बयानबाजी को बढ़ावा देते हैं। जबकि, राजनेताओं को लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्हें मानवता, सम्मान और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा कि तमिलनाडु की भावी पीढ़ियां बेहतर की हकदार हैं। रचनात्मक संवाद, समस्याओं के समाधान और सकारात्मक रोल मॉडल के साथ युवा नेताओं को प्रेरित करने की दिशा में एक बड़े बदलाव की आवश्यकता है।
बाढ़ संकट पर मुख्यमंत्री स्टालिन की त्वरित प्रतिक्रिया सराहनीय है प्रभावित समुदायों से सीधे जुड़ने और मुद्दों को हल करने का उनका व्यावहारिक दृष्टिकोण अनुकरणीय नेतृत्व को दर्शाता है।
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