मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज कहा कि राज्य सरकार ने पालमपुर में पर्यटन गांव परियोजना को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है, लेकिन वहां कोई कैसीनो स्थापित नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री विधानसभा में नियम 63 के तहत सुलह विधायक विपिन परमार द्वारा सीएसके हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर की भूमि पर परियोजना का विरोध करने के लिए लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। सुखू ने कहा, “सरकार ने पालमपुर में एक पर्यटन गांव और अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे की स्थापना करने का निर्णय लिया है और मैं सदन को आश्वस्त करता हूं कि वहां कोई कैसीनो स्थापित नहीं किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि सरकार कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए वहां और अधिक भूमि का अधिग्रहण करेगी और यदि आवश्यक हुआ तो निजी भूमि का भी अधिग्रहण किया जाएगा।
सुक्खू ने विपक्ष की इस मांग को खारिज कर दिया कि जिस जमीन पर पर्यटन गांव प्रस्तावित है, उसकी जरूरत भविष्य में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पड़ सकती है। उन्होंने कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो हम केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए निजी जमीन का अधिग्रहण कर सकते हैं। इसके अलावा, सीएसके एचपी कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर ने पिछले 48 सालों में अपनी कुल 413 हेक्टेयर जमीन में से सिर्फ 50 हेक्टेयर जमीन का ही इस्तेमाल किया है।” उन्होंने कहा, “पर्यटन क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, जिसका फायदा उठाकर हमारी सरकार राजस्व जुटाना चाहती है।”
मुख्यमंत्री ने पर्यटन गांव परियोजना के लिए स्थल चयन के मुद्दे पर विचार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने के कृषि मंत्री चंद्र कुमार के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया।
परमार ने कहा कि सरकार को कृषि विश्वविद्यालय की 111 हेक्टेयर भूमि पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने के लिए दी गई एनओसी वापस ले लेनी चाहिए तथा परियोजना को अन्यत्र स्थानांतरित कर देना चाहिए, क्योंकि स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
हालांकि पालमपुर के विधायक और मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने परियोजना से जुड़े फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “विश्वविद्यालय के पास अभी भी 400 हेक्टेयर से ज़्यादा ज़मीन है और जिस क्षेत्र में बीज फार्म है और प्राकृतिक खेती की जा रही है, उसे छोड़कर बाकी ज़मीन परियोजना के लिए सौंप दी जानी चाहिए, जिससे उच्च स्तरीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।”