नई दिल्ली, 12 फरवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के अनुरोध पर समाजवादी पार्टी के विधायकों को छोड़कर योगी सरकार के विधायकों और मंत्रियों ने अयोध्या जाकर रविवार को रामलला के दर्शन किए। भक्ति भाव में डूबे सभी विधायकों ने सीएम योगी और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के साथ बैठकर भगवान राम का गुणगान किया। इस दौरे को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
यहां वीवीआईपी मूमेंट के दौरान आम श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो, इसका भी ध्यान रखा गया। वीवीआईपी लोगों के साथ ही बड़ी संख्या में आम श्रद्धालुओं ने भी रविवार को अयोध्या में भगवान राम के दर्शन किए। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर श्रद्धालु काफी उत्साहित दिखे और पूरा इलाका ‘जय श्री राम’ के नारों से गूंज उठा। सुबह करीब 9 बजे 10 लग्जरी बसों से यूपी के विधायकों और मंत्रियों का काफिला लखनऊ से निकला।
अयोध्या जाते समय बाराबंकी में सभी जन प्रतिनिधियों के लिए नाश्ते की व्यवस्था की गई थी। इसके बाद सभी वहां से निकलकर करीब 11.30 बजे अयोध्या पहुंचे, जबकि मुख्यमंत्री अयोध्या के महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंचे थे। इसके बाद स्थानीय निवासियों ने बुलडोजर पर सवार होकर टीम के ऊपर पुष्प वर्षा की और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। इस दौरान स्थानीय कलाकार भी जन प्रतिनिधियों के स्वागत में लोक नृत्य की विभिन्न विधाओं का प्रदर्शन करते नजर आए। स्कूल बच्चे भी इस दौरान जन प्रतिनिधियों का स्वागत करते दिखे। विधायकों और मंत्रियों को गेट नंबर 11 से प्रवेश दिया गया।
रामलला के दर्शन के बाद जन प्रतिनिधियों ने मंदिर परिसर में प्रसाद और दोपहर का भोजन भी किया। रामलला के दर्शन करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा, ”मैं बहुत भावुक हूं, क्योंकि जब मैं इस स्थान पर आया तो यहां एक ढांचा खड़ा था, जो 6 दिसंबर को हमारे सामने टूट गया था। मैंने यहां तब दौरा किया जब 1990 में वहां गोलियां चली थी।”
उन्होंने कहा, ”आज, मुझे प्रत्यक्ष रूप से दैवीय उपस्थिति का अनुभव करने का सौभाग्य मिला है। बसपा विधायक उमाशंकर सिंह और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के अध्यक्ष राजा भैया भी भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या जाने वाले दल में शामिल थे।”