लखनऊ, 6 मार्च । उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद विवाद पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि जो हमारा है वो हमें मिलना चाहिए। उनके इस बयान के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है।
सपा विधायक आरके वर्मा ने कहा कि आप हर जगह को अपने हिसाब से देखने की कोशिश करते है, जिसे जायज नहीं ठहराया जा सकता। सबकी अपनी परंपराएं रही हैं। लेकिन हर दूसरे के जगह में अपनी जगह तलाशना ठीक बात नहीं मानी जा सकती। जिसकी जो जगह है, उसकी जगह बने रहने देना चाहिए, मैं इस बात का समर्थन करता हूं। हमारे भारत का संविधान सर्वधर्म समभाव की बात करता है। भारत का संविधान यह कहता है कि किसी धर्म, समुदाय, पूजा पद्धति या पूजा स्थल में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। इस प्रकार की परंपराओं और विश्वासों में बदलाव करना संविधान के खिलाफ है।
इसके बाद उन्होंने सरकार के एक और पहलू पर सवाल उठाया, उन्होंने कहा कि सरकार ने जो बड़े पैमाने पर निवेशकों को आमंत्रित किया था और कई उद्योगपतियों और कंपनियों से समझौते किए थे, उनमें से कुछ भगोड़े साबित हो रहे हैं। उन्होंने पूछा कि सरकार उन उद्योगपतियों के बारे में क्या कहेगी जिनके बारे में यह जानकारी मिल रही है कि उनका सारा काम फर्जी था।
वहीं सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि भाजपा जगहों के नाम बदलने पर अड़ी हुई है। सरकार को मंदिर-मजिस्द से ऊपर उठकर जनता के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार को कहा कि प्रदेश सरकार विकास के साथ-साथ राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को कायम रखने के लिए भी प्रतिबद्ध है। हम विकास और विरासत को साथ लेकर चल रहे हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि विकास के साथ-साथ प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण और प्रचार-प्रसार भी किया जाए। उत्तर प्रदेश सरकार विकास के नए-नए आयाम स्थापित करने के साथ-साथ सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने का काम कर रही है।