January 24, 2025
Uttar Pradesh

सनातन को उसके चरम उत्कर्ष पर ले जाने का कार्य करेंगे सीएम योगी : चिदानंद सरस्वती

CM Yogi will work to take Sanatan to its peak: Chidanand Saraswati

महाकुंभ नगर, 24 जनवरी । महाकुंभ की समस्त दिव्यता-भव्यता उसमें आने वाले संतों, महात्माओं और करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से संभव है। महाकुंभ में ऋषिकेश से आए परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु चिदानंद सरस्वती का कहना है कि महाकुंभ भारतीयता का महापर्व है, सनातन आस्था को मानने वालों का इससे बड़ा कोई महोत्सव नहीं है।

उन्होंने कहा कि महाकुंभ कुछ का नहीं सबका महोत्सव है, जिस उत्साह और जोश में लोग महाकुंभ में भाग लेने आ रहे हैं, संगम के सब तट आस्थावान लोगों से भरे हुए हैं। ऐसा नजारा पूरे विश्व में कहीं देखने को नहीं मिलता। ये सनातन के उत्कर्ष का महापर्व है और सनातन को उसके उच्चतम शिखर पर ले जाने का कार्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष चिदानंद सरस्वती का कहना है कि वो 1971 से महाकुंभ में सम्मिलित होते रहे हैं। लेकिन, जैसी दिव्य और भव्य व्यवस्था प्रयागराज के इस महाकुंभ में है, ऐसी पहले कभी नहीं देखी। महाकुंभ के इस महाआयोजन के लिए उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को साधुवाद दिया।

उन्होंने कहा कि महाकुंभ का ऐसा भव्य आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अथक प्रयासों से ही संभव हुआ है। इस अद्भुत आयोजन को देखकर सभी लोग आह्लादित और उत्साहित हैं। देश ही नहीं विश्व के कोने-कोने से आए भक्त और पर्यटक महाकुंभ की आभा, यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा को देखकर यहां बार-बार आना चाह रहे हैं। महाकुंभ से सनातन की एकता, समरसता का जो संदेश विश्व में जा रहा है, अन्यत्र संभव नहीं है।

चिदानंद का कहना है कि जब मैंने संगम तट पर स्नान किया तो लोगों में भरे हुए उत्साह को देखकर पूरी तरह गौरवान्वित था। ऐसा दिव्य-भव्य, अद्भुत नजारा है, जिसका वर्णन नहीं कर सकता हूं। देश-दुनिया के कोने-कोने से लोग आकर पवित्र संगम में डुबकी लगा रहे हैं। सनातन के उत्कर्ष को देखकर सभी आश्चर्यचकित हैं। यहां तक कि सीमा पार पाकिस्तान, बांग्लादेश से लेकर बहरीन, अरब के लोग देखकर न केवल हैरान हो रहे हैं बल्कि कई तो खुद महाकुंभ में शामिल होने आना चाह रहे हैं। लोगों को बांटने वाले देखें कि कैसे सभी जाति, पंथ, भाषा बोलने वाले एक साथ संगम स्नान कर रहे हैं। महाकुंभ सनातन की एकता का महापर्व है।

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