स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार के बाहर पूर्व उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल की हत्या की कोशिश के एक महीने बाद भी पुलिस कथित सह-साजिशकर्ता धरम सिंह को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
दरगाह के सीसीटीवी फुटेज में धरम सिंह को घटना से एक दिन पहले मुख्य आरोपी और खालिस्तानी कार्यकर्ता नारायण सिंह चौरा के साथ देखा गया था।
बादल दरगाह के प्रवेश द्वार पर सेवादार के तौर पर ‘तन्खाह’ (धार्मिक दंड) भुगत रहे थे, तभी चौरा वहां पहुंचे और 4 दिसंबर, 2024 को उन पर गोली चला दी। हालांकि, समय पर और तुरंत कार्रवाई करने वाले पुलिसकर्मी ने हत्या के प्रयास को विफल कर दिया। मौके पर ही गिरफ्तार किए गए चौरा फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
उन्होंने धरम सिंह के साथ 3 दिसंबर को एसजीपीसी के एक अधिकारी से भी मुलाकात की थी।
धरम सिंह का नाम तब सामने आया जब वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने मीडिया के सामने स्वर्ण मंदिर की परिक्रमा करते हुए दोनों की सीसीटीवी फुटेज जारी की।
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