सोमवार को गुजरात तट के पास अरब सागर में भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से मरने वाले चालक दल के दो सदस्यों में से एक करण सिंह का यहां उनके पैतृक गांव दावला में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
करण के छोटे भाई अर्जुन ने अपने 11 महीने के भतीजे को गोद में लेकर चिता को अग्नि दी, जबकि दिवंगत आत्मा के अंतिम संस्कार में समाज के सभी वर्गों के लोग मौजूद थे। पूर्व मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश धनखड़, कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स और उपायुक्त शक्ति सिंह ने करण सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
धनखड़ ने इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “कर्ण सिंह जैसे वीरों की शहादत के कारण ही देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। राष्ट्रीय आपदा के समय हम सेना की ओर देखते हैं। सेना के जवान अपने प्राणों की आहुति देकर देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं और प्राकृतिक आपदा के समय देशवासियों की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। शहीद कर्ण सिंह का बलिदान युवाओं में देशभक्ति की नई भावना पैदा करता रहेगा।”
इससे पहले, करण का पार्थिव शरीर सुबह ट्रैक्टरों और मोटरसाइकिलों के काफिले के साथ गुजरात से गांव लाया गया। सुबह शव के अवशेष झज्जर लाए गए
करण का पार्थिव शरीर सुबह गुजरात से ट्रैक्टर और मोटरसाइकिलों के काफिले के साथ गांव लाया गया। उनके परिवार में उनकी मां, भाई, पत्नी और दो बच्चे हैं
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