मंडी के उपायुक्त (डीसी) अपूर्व देवगन ने कल कहा कि नशामुक्त समाज के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समाज के सभी वर्गों के एकजुट प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केवल एक स्वस्थ और नशामुक्त समाज ही एक मजबूत और सशक्त राष्ट्र की नींव रख सकता है।
वे मंडी जिले के बारी-गुमानू स्थित सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत आयोजित एक नशा जागरूकता कार्यक्रम के दौरान स्कूली छात्रों से बातचीत कर रहे थे। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने उनसे हर प्रकार के नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहने और अपने साथियों तथा समाज में इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में सक्रिय रूप से जागरूकता फैलाने का आग्रह किया।
उन्होंने बच्चों के सर्वांगीण विकास के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को खेलकूद और अन्य सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए ताकि उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुनिश्चित हो सके। उन्होंने छात्रों को अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाने और व्यसन मुक्त स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
डीसी देवगन ने जिम्मेदार नागरिक तैयार करने में शिक्षकों की अहम भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को न केवल छात्रों को अकादमिक शिक्षा देनी चाहिए, बल्कि उन्हें मादक पदार्थों के सेवन से होने वाले सामाजिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक नुकसान के बारे में जागरूक करके, उनसे दूर रहने के लिए लगातार प्रेरित भी करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि नशा न केवल व्यक्ति को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि परिवारों और समाज पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है।
पंचायत प्रतिनिधियों और समाज के सभी वर्गों के सदस्यों से अपील करते हुए, डीसी ने सभी से नशामुक्ति अभियान को सफल बनाने में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने लोगों से मादक पदार्थों की बिक्री, आपूर्ति या उपयोग से संबंधित किसी भी जानकारी की सूचना तुरंत पुलिस प्रशासन को देने का अनुरोध किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
डीसी ने आगे बताया कि पूरे जिले में चिट्टा-विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। पहले चरण में 24 ग्राम पंचायतों को अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया गया है और वहां 27 से 29 दिसंबर तक विशेष जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि प्रशासन, पुलिस और विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी स्कूली छात्रों, नशामुक्ति समितियों और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जमीनी स्तर पर निरंतर प्रयास सुनिश्चित करने के लिए इन सभी पंचायतों में संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापकों की अध्यक्षता में विद्यालय स्तर पर नशामुक्ति समितियां गठित की गई हैं।

