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झारखंड चुनाव को लेकर आयोग ने राजनीतिक दलों के साथ की अहम बैठक

Commission holds important meeting with political parties regarding Jharkhand elections

रांची, 23 सितंबर। झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारत के निर्वाचन आयोग की टीम ने सोमवार को रांची में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। सभी दलों ने आयोग के समक्ष अपने सुझाव पेश किए।

भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से सरकारी मशीनरी और ब्यूरोक्रेसी के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए इस पर रोक के लिए आयोग से एहतियाती कदम उठाने की मांग की। पार्टी ने राज्य की गृह सचिव वंदना डाडेल की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए उन्हें चुनाव कार्यों से दूर रखने की मांग की।

पार्टी का पक्ष रखते हए प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद और विधि प्रकोष्ठ के सुधीर श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों को फर्जी तरीके से मतदाता बनाए जाने की सूचनाएं हैं। इस संबंध में आयोग को पहले भी ज्ञापन सौंपा गया था। इसकी जांच कराई जानी चाहिए।

दूसरी तरफ कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कई नेता बाहर के राज्यों से झारखंड आकर जाति-धर्म के आधार पर विभाजनकारी भाषण और वक्तव्य दे रहे हैं। चुनाव के दौरान ऐसे लोग माहौल बिगाड़कर ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं। उन पर अंकुश लगाया जाए।

कांग्रेस और झामुमो के प्रतिनिधियों ने आयोग से कहा कि राज्य में दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ पूजा जैसे पर्वों की श्रृंखला है। फिर 15 नवंबर को बिरसा जयंती है। ऐसे में चुनाव की तारीख इसके बाद तय होनी चाहिए। कांग्रेस ने मांग रखी कि पूरे राज्य में एक चरण में चुनाव कराए जाएं। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी कम चरणों में चुनाव कराने का सुझाव दिया। कांग्रेस की ओर से विनय सिन्हा दीपू और शशिभूषण राय एवं झामुमो की ओर से महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य और विधायक सुदीव्य सोनू ने सुझाव रखे।

आजसू पार्टी की ओर से हरसाद अंसारी ने तय समय पर चुनाव कराने का सुझाव दिया। आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि ने सभी उम्मीदवारों को निशुल्क मतदाता सूची उपलब्ध कराने, नामांकन शुल्क दस हजार से घटाकर पांच हजार करने और चुनाव में अनाप-शनाप खर्च पर अंकुश लगाने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि पार्टी जो चुनाव में पैसे खर्च करती है, उस पर निगरानी हो। उम्मीदवार मतदान के दिन मतदाताओं को फोन करके अपने पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करते हैं, इस पर रोक लगे।

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