राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने कहा है कि सरकार गायों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। 2014 के बाद राज्य सरकार ने गायों की रक्षा के लिए बजट में बढ़ोतरी की है। वह बजट सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे।
मंत्री ने कहा कि 2014 में सरकार बनने से पहले गौ संरक्षण के लिए 2 करोड़ रुपये का बजट था, जिसे अब सरकार ने बढ़ाकर 425 करोड़ रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा, “इतना ही नहीं, हमारी सरकार ने चारे के लिए भी बजट बढ़ाया है, जो 2014 से पहले 1.85 करोड़ रुपये था। इस साल अब तक गौशालाओं को चारे के लिए 163 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।”
सरकार ने 8 करोड़ रुपए की लागत से नैन गांव (पानीपत जिला) और ढंढूर गांव (हिसार जिला) में 5,000 की क्षमता वाले दो गौ अभ्यारण्य बनाए थे। इन अभ्यारण्यों में करीब 6,000 बेसहारा पशुओं का पुनर्वास किया गया है। गौ सेवा आयोग ने अभ्यारण्य बनाने के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था।
उन्होंने कहा कि पशुओं के पुनर्वास के लिए गौशालाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने अधिसूचना जारी कर प्रत्येक जिले के लिए विशेष गौ संरक्षण टास्क फोर्स और राज्य स्तरीय विशेष गौ संरक्षण टास्क फोर्स समिति का गठन किया है। इसके अलावा, गौशालाओं में पशु चिकित्सालय (17 सरकारी पशु चिकित्सालय और 12 सरकारी पशु औषधालय) खोले गए हैं।
विधानसभा के अन्य कई सदस्यों ने गौ संरक्षण के साथ-साथ आवारा कुत्तों व बंदरों की समस्या से निजात दिलाने के लिए अपने सुझाव दिए, जिस पर गोयल ने सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया।
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