टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए लाई गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के तहत कंपनियों द्वारा कुल 7,343 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है, जिसका कुल टर्नओवर 4,648 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है, इसमें 31 मार्च, 2025 तक 538 करोड़ रुपए का निर्यात शामिल है। यह जानकारी सरकार द्वारा शुक्रवार को संसद को दी गई।
टेक्सटाइल राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में इस योजना के तहत 54.50 करोड़ रुपए का इंसेंटिव वितरित किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत अनुमानित निवेश और टर्नओवर क्रमशः 28,711 करोड़ रुपए और 2,16,760 करोड़ रुपए है, जिसमें निर्यात भी शामिल है।
सरकार ने देश में मेन-मेट फाइबर (एमएमएफ) अपेरल, एमएमएफ फैब्रिक और टेक्निकल टेक्सटाइल उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 10,683 करोड़ रुपए के स्वीकृत परिव्यय के साथ टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए पीएलआई योजना लागू की है, जिससे टेक्सटाइल सेक्टर आकार और पैमाने हासिल कर सके और प्रतिस्पर्धी बन सके।
इस योजना के दो भाग हैं। पहले भाग में प्रति कंपनी न्यूनतम 300 करोड़ रुपए का निवेश और न्यूनतम 600 करोड़ रुपए का टर्नओवर शामिल है और दूसरे भाग में प्रति कंपनी न्यूनतम 100 करोड़ रुपए का निवेश और न्यूनतम 200 करोड़ रुपए का टर्नओवर शामिल है, जिससे बड़े पैमाने के निर्माताओं और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों (एमएसएमई) दोनों की भागीदारी को आकर्षित किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इंसेंटिव का लाभ उठाने के लिए पात्र बनने हेतु, कंपनी को उपरोक्त निवेश और कारोबार की सीमा हासिल करनी होगी। इस योजना के तहत कुल 74 कंपनियों का चयन किया गया है, जिनमें से 24 आवेदक कंपनियां एमएसएमई श्रेणी में हैं।”
इस अतिरिक्त, देश का कुल टेक्सटाइल और अपेरल निर्यात 2024-25 में 37.75 अरब डॉलर से अधिक हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष के 35.87 अरब डॉलर के इसी आंकड़े से 5 प्रतिशत अधिक है। सरकार टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश बढ़ाने, रोजगार के अवसर पैदा करने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है।
पीएम मित्र पार्क स्थापित करने के लिए सात साइट्स को मंजूरी दी गई है, जो गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में हैं।
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