नई दिल्ली, 18 अक्टूबर बिहार के छपरा और सीवान में जहरीली शराब का सेवन करने से 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इस पर विपक्ष बिहार सरकार पर हमलावर है। विपक्ष का दावा है कि बिहार सरकार शराब माफियाओं के हाथों में चली गई है।
कांग्रेस नेता मोहन प्रकाश ने इस मामले में गुरुवार को आईएएनएस से बात की। उन्होंने कहा, यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सुशासन का मॉडल है। जहरीली शराब पीने से लगातार कई बार मौतें हो चुकी हैं। लेकिन, सरकार की चिंता इस ओर नहीं दिखाई दे रही है। शराबबंदी के नाम पर एक व्यवस्था चल रही है। बिहार के जिलों में शराब माफियाओं का गिरोह पनप रहा है।
अगर कोई जहरीली शराब को लेकर शिकायत करे तो उसकी हत्या कर दी जाती है। प्रशासन के सामने ऐसी घटनाएं सामने आईं। प्रशासन ने इसे स्वीकार भी किया। लेकिन, फिर भी इस तरह की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। शराब माफियाओं के हाथ में बिहार सरकार पूरी तरह से चली गई है। कांग्रेस पार्टी इस घटना का विरोध करेगी। हम लोग सरकार पर दबाव बनाने का काम करेंगे। जिससे इस तरह की घटना भविष्य में न दोहराई जाए।
उन्होंने कहा, जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई है। मृतकों के परिजनों को मुआवजा मिलना चाहिए। सात लोगों ने अपनी आंख की रोशनी खो दी है। ऐसे लोगों को भी मुआवजा मिलना चाहिए। मुआवजा इसलिए मिलना चाहिए, क्योंकि, अगर प्रशासन सतर्क और मुस्तैद होता तो जहरीली शराब से लोगों की मौत नहीं होती। शराब पीने वाले लोगों ने यह सोच कर शराब का सेवन नहीं किया था कि यह जहरीली शराब होगी। इतने बड़े पैमाने पर लोगों की मौत हुई है। बड़े स्तर पर बिहार में माफिया राज चल रहा है।
पूर्व सांसद बदरुद्दीन अजमल का दावा है कि नया संसद भवन वक्फ की जमीन पर बना है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, उन्हें मालूम होगा, मुझे जानकारी नहीं है। उनके बयान पर मैं क्या जवाब दूं।