पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को कथित रूप से धमकी देने वाली टिप्पणी पर राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की है।
राज्य भाजपा नेता और कलकत्ता हाईकोर्ट के वकील कौस्तव बागची ने विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाषण के एक हिस्से का हवाला देते हुए राज्यपाल कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है।
सीएम ममता को यह कहते हुए सुना गया, “आप एक खास समुदाय के बारे में बहुत गलत बातें फैला रहे हैं। अब अगर वे किसी दिन आंदोलन का आह्वान करते हैं, तो क्या आप उसे संभाल पाएंगे?”
कौस्तव बागची ने उस विशेष वीडियो क्लिपिंग को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया और सवाल उठाया, “क्या मुख्यमंत्री चरमपंथियों की ओर से विपक्ष के नेता को धमका रही हैं?” इसके बाद उन्होंने राज्यपाल कार्यालय को एक पत्र भेजकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की।
मंगलवार को विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी मुख्यमंत्री की इन टिप्पणियों के लिए उनकी तीखी आलोचना की।
विपक्ष के नेता ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा था, “उन्होंने (ममता ने) सवाल किया कि अगर एक विशेष समुदाय के लोग मेरे खिलाफ एकजुट हो गए तो क्या होगा? मैं सदन में मुख्यमंत्री के बयान की वीडियो क्लिपिंग के साथ इस तरह की धमकी के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करूंगा। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुझे सुरक्षा प्रदान की जा रही है। मैं मुख्यमंत्री को ऐसे भड़काऊ बयान देने से रोकने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका भी दायर करुंगा।”
सोमवार को कथित तौर पर अभद्र व्यवहार के कारण विपक्ष के नेता और तीन अन्य भाजपा विधायकों को एक महीने के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया था। अधिकारी का कहना है कि निलंबन इसलिए हुआ क्योंकि विपक्ष के नेता भाजपा से हैं और पहले ऐसा कभी नहीं हुआ जब यही कुर्सी या तो लेफ्ट फ्रंट के किसी व्यक्ति के पास थी या कांग्रेस के किसी व्यक्ति के पास।
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