लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज शिमला नगर निगम के आयुक्त को शहर में वेंडिंग जोन से संबंधित औपचारिकताएं 30 दिसंबर तक पूरी करने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह निर्देश शिमला स्थित राज्य सचिवालय में स्ट्रीट वेंडर्स के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।
मंत्री ने कहा कि शहर भर में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नीली लाइनें लगाई जाएंगी, जिन्हें केवल चुनिंदा क्षेत्रों में ही स्टॉल लगाने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि इन नीली लाइनों पर उन स्ट्रीट वेंडर्स की तस्वीरें और रजिस्ट्रेशन नंबर होंगे जिन्हें स्थान आवंटित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा, “विशेष रूप से विकलांग व्यक्तियों, विधवाओं और समाज के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिसके लिए नगर आयुक्त एक रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्थानीय लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े।”
उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को दूसरे राज्यों से आने वाले विक्रेताओं के लिए अलग से क्षेत्र आवंटित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राम बाजार, लोअर बाजार जैसे अधिक घनत्व वाले क्षेत्रों में दरें अधिक और कम घनत्व वाले क्षेत्रों में दरें कम रखी जाएं ताकि रेहड़ी-पटरी वालों के साथ-साथ स्थानीय दुकानदारों को भी नुकसान न हो।
मंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों और हिमाचल के निवासियों को प्राथमिकता देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य की राजधानी में कुल 1,060 स्ट्रीट वेंडरों की पहचान की गई है, जबकि टाउन वेंडिंग कमेटी द्वारा किए गए सर्वेक्षण के दौरान 540 अतिरिक्त वेंडर पाए गए हैं। हालांकि, इसमें कुछ कमियां थीं।
बैठक में शामिल शिमला के मेयर सुरेन्द्र चौहान ने बताया कि मंत्री को शहर में वेंडिंग जोन बनाने के मामले में हुई प्रगति से अवगत कराया गया। हाल ही में नगर निगम ने शहर में विभिन्न वेंडिंग और नॉन-वेंडिंग जोन की पहचान के लिए सर्वेक्षण कराया था। नगर निगम ने स्ट्रीट वेंडर्स के बारे में चर्चा के लिए अगस्त में एक विशेष आम सभा की बैठक भी बुलाई थी।
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