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‘जटिल काम’: एसबीआई ने चुनावी बांड का विवरण सार्वजनिक करने के लिए मांगा 30 जून तक का समय

'Complex task': SBI seeks time till June 30 to make electoral bond details public

नई दिल्ली, 5 मार्च । भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अब तक खरीदे गए चुनावी बांड का विवरण सार्वजनिक करने के लिए 30 जून तक की मोहलत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

एसबीआई ने याचिका में कहा है कि चुनावी बांड की “डिकोडिंग” और दानकर्ता का दान से मिलान एक जटिल प्रक्रिया होगी क्योंकि यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं कि दानदाताओं की पहचान गुप्त रखी जाए।

बैंक ने कहा, “बांड की खरीद और बांड के भुनाने से संबंधित डेटा को अलग-अलग दर्ज किया गया था। कोई केंद्रीय डेटाबेस नहीं रखा गया था। ऐसा इसलिए किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दाताओं की पहचान गुप्त बनी रहे।”

इसमें कहा गया है कि दाता का विवरण निर्दिष्ट शाखाओं में एक सीलबंद लिफाफे में रखा गया था और ऐसे सभी सीलबंद लिफाफे इसकी मुंबई मुख्य शाखा में जमा किए गए थे।

इसके अलावा, इसमें कहा गया है कि प्रत्येक राजनीतिक दल को एक निर्दिष्ट खाता बनाए रखना आवश्यक है जहां उस पार्टी द्वारा प्राप्त चुनावी बांड जमा और भुनाए जा सकते हैं और बांड की राशि जारी करते समय मूल बांड और पे-इन स्लिप को एक सीलबंद कवर में संग्रहित करके मुंबई मुख्य शाखा को भेजा जाता था।

याचिका में कहा गया है कि इस प्रकार जानकारी के दोनों सेट एक-दूसरे से स्वतंत्र रूप से संग्रहीत किए जा रहे थे और उन्हें दोबारा मिलान करने के लिए एक काफी समय की आवश्यकता होगी। इसके लिए तीन सप्ताह की समय-सीमा पर्याप्त नहीं होगी।

उल्लेखनीय है कि 15 फरवरी को पाँच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने चुनावी बांड योजना, 2018 को असंवैधानिक करार दिया और एसबीआई को तत्काल बांड जारी करने से रोकने का आदेश दिया।

इसने एसबीआई को अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बांड का विवरण (जैसे खरीद की तारीख, खरीदार का नाम और मूल्य) 6 मार्च तक चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशन के लिए आयोग के पास जमा करने के लिए कहा था।

संविधान पीठ ने कहा, “एसबीआई को राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करना होगा जिसमें नकदीकरण की तारीख और चुनावी बांड का मूल्य शामिल होगा। एसबीआई इस फैसले की तारीख से तीन सप्ताह के भीतर यानि 6 मार्च 2024 तक उपरोक्त जानकारी भारतीय निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत करेगा।“

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