भोपाल, 24 सितंबर । बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने हालिया एक्स पोस्ट में कांग्रेस पर जबरदस्त हमला बोला। उन्होंने पार्टी को दलित विरोधी बताया। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बसपा सुप्रीमो की बात का समर्थन करते हुए कहा- यह सत्य है कि कांग्रेस ने दलितों का शोषण किया है, और चुनावों के समय उन्हें केवल राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इंदर सिंह परमार ने आईएएनएस से कहा कि जब चुनावी समय आता है, तो कांग्रेस दलितों के वोट का लाभ लेने के लिए झूठा प्रोपेगेंडा करती है और फिर चुनाव बाद उन्हें दरकिनार कर देती है। यह सिद्ध है कि कांग्रेस ने दलितों का जितना शोषण किया है, उसकी चर्चा कम होती है, लेकिन वास्तविकता यही है कि कांग्रेस ने हमेशा दलितों के हितों की अनदेखी की है।
डॉ. भीमराव अंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने स्वतंत्रता के बाद भी अंबेडकर जी के विचारों को दबाने की कोशिश की। कांग्रेस ने उनके योगदान को इतिहास के पन्नों से हटा दिया है और अपने परिवार और पार्टी के लोगों को ही महिमामंडित करने का प्रयास किया।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के अमेरिका दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए परमार ने कहा कि राहुल गांधी अमेरिका जाकर भारत के खिलाफ बोलते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेता अंतरराष्ट्रीय मंच पर जाकर देश का नाम रोशन करते थे। कभी यह नहीं कहते थे की हममें मतभेद है, देश के अंदर राजनीतिक विचारधारा में मतभेद हो सकते हैं लेकिन देश के खिलाफ कोई बात नहीं कहते थे। मुझे लगता है कि अंग्रेजों के प्रतिनिधित्व करने के रूप में राहुल गांधी इस देश में काम कर रहे हैं। राहुल गांधी की यह आदत देश को तोड़ने वाली है, जैसे अंग्रेजों ने धर्म के आधार पर देश को विभाजित किया था। कांग्रेस आज जातियों के आधार पर विभाजन की कोशिश कर रही है। देश की जनता कांग्रेस के इस खेल को समझती है और उनके मंसूबों को सफल नहीं होने देगी।
मायावती ने मंगलवार को एक्स पर लिखा, “कांग्रेस और राहुल गांधी की एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण नीति स्पष्ट नहीं बल्कि दोगली एवं छल कपट की है। अपने देश में इनके वोट के लिए ये आरक्षण का समर्थन व इसे 50% से ऊपर बढ़ाने की वकालत तथा विदेश में जाकर इनके आरक्षण को खत्म करने की बात करते हैं। इनके इस दोहरे मापदण्ड से लोग सचेत रहें। यह भी सच है कि केंद्र में उनकी सरकार ने ओबीसी आरक्षण सम्बन्धी मण्डल कमीशन रिपोर्ट लागू नहीं की थी।”
मायावती ने अपने एक पोस्ट में ये भी लिखा कि केंद्र में रही कांग्रेसी सरकार द्वारा जातीय जनगणना नहीं कराना और अब सत्ता से बाहर होने पर आवाज उठाना, यह सब ढोंग नहीं तो और क्या है?
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