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हरियाणा के सिरसा से कांग्रेस उम्मीदवार शैलजा ने कहा, पूजा आस्था से जुड़ी हुई है

Congress candidate from Sirsa, Haryana, Shailja said, puja is linked to faith.

सिरसा (हरियाणा), 28 अप्रैल । हरियाणा के सिरसा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार कुमारी शैलजा ने रविवार को कहा, “पूजा आस्था से जुड़ी हुई है और हम जिस चीज में विश्‍वास करते हैं, उसकी पूजा करनी होती है और इसके लिए भाजपा या आरएसएस से प्रमाणपत्र लेने की कोई जरूरत नहीं है।”

उन्होंने कहा कि भगवान राम के नाम पर राजनीति करने वालों को स्वयं भगवान राम माफ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ”असली मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका रही है, लेकिन जनता सब कुछ जानती है और इसके लिए भाजपा को जवाबदेह ठहराएगी।”

शैलजा डबवाली कस्बे में एक जनसभा को संबोधित कर रही थीं। सिरसा सीट से कांग्रेस (इंडिया गठबंधन) का उम्मीदवार बनने के बाद यह उनका पहला दौरा था, जहां उन्होंने चुनाव कार्यालय का भी उद्घाटन किया।

शैलजा ने गुरुद्वारा साहिब में जाकर माथा टेका। इस मौके पर उन्होंने 1988 में सिरसा से शुरू हुए अपने राजनीतिक जीवन पर प्रकाश डाला और याद दिलाया कि यहां के लोगों ने उन्हें हमेशा प्यार, समर्थन और स्नेह दिया है, जिसके कारण वह दो बार सांसद चुनी गईं और बाद में वह अंबाला से चुनाव लड़ीं और यहां से वह दो बार जीतीं।

उन्होंने कहा, ”समय बदलता है और परिस्थितियां बदलती हैं। हम उन ताकतों से लड़ रहे हैं, जो सच्चाई के खिलाफ हैं। यह कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है, यह लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। किसान एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार ने हरियाणा बोर्डर पर भारत-पाकिस्तान सीमा जैसे हालात पैदा कर दिए हैं।

शैलजा ने कहा, “हरियाणा बेरोजगारी में देश में नंबर एक है और अग्निवीरों के लिए रोजगार का वादा एक मजाक है। कांग्रेस को इस देश से बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार खत्म करना है।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “भाजपा असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए धर्म की राजनीति कर रही है।“

हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रमुख कुमारी शैलजा ने लोकसभा में दो-दो बार सिरसा और अंबाला (सुरक्षित) निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया है। वह 2014 से 2020 तक राज्यसभा सांसद भी रहीं।

भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) की पूर्व अधिकारी सुनीता दुग्गल 2019 में हरियाणा की 10 संसदीय सीटों से भाजपा की अकेली महिला ‘योद्धा’ थीं और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर को 300,000 से अधिक वोटों के अंतर हराकर सिरसा (सुरक्षित) से विजेता बनी थीं।

उनकी जीत ने भाजपा को उस सिरसा सीट पर पहली जीत दिलाई, जो कभी इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) और कांग्रेस का गढ़ रही थी।

इस बार सुनीता दुग्गल चुनाव लड़ने की इच्छुक थीं, लेकिन भाजपा ने कांग्रेस और आप के बागी अशोक तंवर को सिरसा से मैदान में उतारा।

दिलचस्प बात यह है कि 26 साल बाद सिरसा की चुनावी लड़ाई में वापसी करने वाली शैलजा और तंवर दोनों राज्य इकाई के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष हैं और उनके बीच सीधा मुकाबला है।

हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों के लिए मतदान 25 मई को होगा।

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