हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता संदीप सांख्यान ने हालिया संघर्ष विराम को लेकर केंद्र की आलोचना की तथा सवाल किया कि क्या भारत की विदेश नीति और युद्ध रणनीति अब अमेरिका द्वारा तय की जा रही है।
बिलासपुर में मीडिया से बात करते हुए सांख्यान ने पूछा कि भारत की जनता ने भाजपा को जनादेश दिया है या अमेरिकी राष्ट्रपति को। उन्होंने कहा, “पूरा देश पूछ रहा है – क्या भारत ने अपनी सामरिक स्वायत्तता छोड़ दी है?”
उन्होंने दावा किया कि आजादी के बाद यह पहली बार है जब विदेशी प्रभाव में ऐसा युद्धविराम हुआ है। 1971 के युद्ध से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने निर्णायक रूप से पाकिस्तान को दो टुकड़ों में विभाजित कर दिया था, जबकि वर्तमान स्थिति ने बाहरी हस्तक्षेप के माध्यम से “भारत की गरिमा को धूमिल” किया है।
सांख्यान ने कहा, ”अगर संघर्ष विराम करना ही था, तो यह भारत की शर्तों पर होना चाहिए था – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर नहीं।” उन्होंने पहलगाम में 26 निर्दोष भारतीयों की हत्या में शामिल आतंकवादियों के प्रत्यर्पण की मांग न करने के लिए भी केंद्र की आलोचना की, कथित तौर पर उनका धर्म पूछने के बाद।
उन्होंने सवाल उठाया कि आक्रामक कार्रवाई करने पर सर्वदलीय सहमति के बावजूद संघर्ष विराम का फैसला एकतरफा क्यों लिया गया। सांख्यान ने आगे आरोप लगाया कि भाजपा लंबे समय से पाकिस्तान को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करती रही है, लेकिन जब निर्णायक कार्रवाई करने का समय आया तो सरकार अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुक गई।
उन्होंने कहा, ‘‘इस कदम से भाजपा नेताओं की असली विचारधारा और चरित्र उजागर हो गया है।’’
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