लखनऊ, 26 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटों के लिए सपा-बसपा की चल रही नूरा कुश्ती के बीच कांग्रेस भी इस अखाड़े में कूद गई है। उसने इस बार सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां को अपना हथियार बनाया है। वह इसी बहाने मुस्लिम वोट बैंक पर निगाह लगाए हुए है।
राजनीतिक जानकर कहते हैं कि सपा के दिग्गज नेता आजम खान के जब पुराने मामले खुलने शुरू हुए तो उनकी मुश्किल बढ़ गई। वह पत्नी-बेटे सहित पहले भी जेल जा चुके हैं और अब फिर सलाखों के पीछे हैं। उनके परिवार का कोई सदस्य अब केंद्र या प्रदेश के किसी सदन का सदस्य भी नहीं रहा, लेकिन इसके बावजूद मुस्लिम राजनीति अब भी उनके इर्द गिर्द घूमती नजर आ रही है।
आजम फिर से जेल भेज दिए गए हैं तो सपा द्वारा भाजपा पर हमलावर होना स्वाभाविक है, लेकिन कांग्रेस भी खुलकर उनके समर्थन में आ गई है।
आजम के लिए हर लड़ाई लड़ने का बयान भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने दिया है, जिनका कि सपा से ताजा विवाद सबके सामने है। अखिलेश यादव के साथ जुबानी जंग छिड़ी हुई है। अखिलेश ने कहा कि आज़म खां से तो सबको मिलना चाहिए । कांग्रेस के लोग तब कहां थे जब आज़म खां को फंसाया जा रहा था। कांग्रेस के नेता भी उन्हें फंसाने में लगे हुए थे।
कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी कहते हैं कि आजम खान एक बड़े नेता हैं। उनका लंबा राजनीतिक अनुभव है, भाजपा उन्हे फंसा रही है। कांग्रेस हमेशा पीड़ितों के साथ खड़ी रहती है। ऐसी तमाम घटनाएं हैं, जिन पर कांग्रेस ने सड़कों पर संघर्ष किया है। अगर कांग्रेस का कोई नेता होता तो भाजपा की इतनी हिम्मत नहीं पड़ती। ऐसा होता तो हम ईंट से ईंट बजा देते। कांग्रेस आजम साहब की लड़ाई लड़ रही है।
उन्होंने कहा कि आजम खां ने सपा को पूरा जीवन दिया है। आजम पर अत्याचार हो रहा था तो सपा क्या कर रही थी। मुलायम सिंह होते तो शायद यह न हो पाता। दूसरों पर सवाल खड़ा करने से पहले अपना आत्ममंथन करना चाहिए कि उनसे चूक कहां हो गई। व
रिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि मध्य प्रदेश के चुनाव में सीट बंटवारे के बाद सपा और कांग्रेस में जो खटास पैदा हुई है। वो कम नहीं हो रही है। अजय राय के बारे में सपा की तरफ से इतना कुछ कहा गया है। वह भी किसी माध्यम से अपने को साबित करेंगे। यही कारण है वो आजम का सहारा ले रहे हैं। सपा पर भी सॉफ्ट हिंदुत्व को ज्यादा महत्व देने का आरोप लग रहा है। ऐसे में सेकुलर और हिंदुत्व की छवि के बीच में बैलेंस बनाना होगा। चुनाव तक बयानबाजी ऐसे घटनाक्रम देखने को मिलते रहेंगे।
ज्ञात हो कि आजम खां के परिवार के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र का मामला भाजपा विधायक आकाश सक्सेना की ओर से दर्ज कराया गया था। इसमें आरोप था कि आजम खां ने बेटे के अलग-अलग जन्मतिथि से दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए हैं। इसमें एक जन्म प्रमाण पत्र रामपुर नगर पालिका से बना है, जबकि दूसरा लखनऊ से बना है। इस मुकदमे में आजम खां के अलावा उनके बेटे अब्दुल्ला और पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा भी नामजद हैं। इसी मामले में सजा होने के बाद रविवार को आजम खां को रामपुर जेल से सीतापुर शिफ्ट किया गया है।