N1Live National कांग्रेस की नजर पहले देश की तिजोरी पर थी और अब लोगों की जेब पर है : स्मृति ईरानी
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कांग्रेस की नजर पहले देश की तिजोरी पर थी और अब लोगों की जेब पर है : स्मृति ईरानी

Congress first had its eyes on the country's coffers and now on people's pockets: Smriti Irani

नई दिल्ली, 17 मई। केंद्रीय मंत्री और अमेठी लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि अमेठी के लोगों को गांधी परिवार से दिल से धोखा खाने की आदत हो चुकी थी। लेकिन, हम भाजपा की तरफ से यह प्रमाणित करना चाहते थे कि हमेशा दिल के रिश्ते धोखा नहीं देते हैं। इसलिए, संगठन को इन 10 सालों में सशक्त किया।

एक इंटरव्यू में उन्होंने जिक्र किया कि नरेंद्र मोदी की सरकार और सीएम योगी आदित्यनाथ के सहयोग से हमने धरातल पर विकास के कई काम किए। आज यह नौबत आ गई है कि वोट पड़ने से पहले गांधी खानदान अपना बोरिया-बिस्तर बांध चुका है। कांग्रेस की नजर पहले देश की तिजोरी पर थी और अब नजर लोगों की जेबों पर है।

उन्होंने बताया कि अमेठी में इन पांच साल में, जिसमें 2 साल कोरोना महामारी के थे, हमने 4 लाख परिवार के लिए शौचालय को बनते देखा है, यानी एक परिवार में 4 लोग हैं, जहां की आबादी 23 से 24 लाख है, वहां 16 लाख लोग खुले में शौच करते थे। गांधी परिवार में इतनी क्षमता नहीं थी, गरीबों के लिए एक शौचालय बनवा दें। इन पांच सालों में पहली बार डेढ़ लाख परिवारों को बिजली कनेक्शन मिला। इतनी क्षमता गांधी परिवार में नहीं थी कि डेढ़ लाख घरों में उजाला कर दें। इस क्षेत्र में 3.50 लाख घरों में पहली बार जल जीवन मिशन से नल से पानी मिला। खुद वह बड़े-बड़े होटलों में छींकते भी थे तो पीने के लिए पानी का हाथ बढ़ता था या फिर कोई रूमाल देता था। क्यों अमेठी में 3.50 लाख परिवार पानी के लिए तरस रहे थे। इन पांच साल में यहां 1.14 लाख घर बनाए गए। मुझे अब पता चला है कि गांधी खानदान के लोग भी डायलॉग मारते हैं।

अग्निवीर योजना पर कांग्रेस के हल्ला बोल पर उन्होंने कहा कि पिछले 10-15 साल में अमेठी से आर्मी की भर्ती नहीं हुई है। उनकी सेना में युवाओं का मनोबल बढ़ाने की इच्छा रही है तो यहां क्यों नहीं सेना भर्ती की रैली निकलवाई। यहां पर आर्मी की भर्ती पहली बार तब हुई जब मैं यहां से सांसद बनी और मोदी सरकार आई। गांधी खानदान और विशेषकर प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी का खोखलापन है, जिसे इस क्षेत्र से बेहतर और कोई उजागर नहीं कर सकता है।

स्मृति ईरानी ने कहा कि मुझे पांच साल बतौर सांसद बने हुए हैं और 15 साल राहुल गांधी सांसद थे। अगर 5 और 15 सालों की तुलना करेंगे तो भी आपको जमीन-आसमान का अंतर दिख जाएगा। आखिर क्यों कभी इस क्षेत्र में कलेक्टर का ऑफिस नहीं था, वो हमारी सरकार ने बनवाया। जिसका शिलान्यास गृह मंत्री अमित शाह ने किया। क्यों यहां पर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट नहीं बना था, क्यों सीएमओ कार्यालय और पुलिस लाइन नहीं था। गांधी परिवार ने यहां के लोगों को मूलभूत सेवाएं नहीं दी। इसके क्या कारण थे। 10 साल कांग्रेस की सरकार थी, यूपी में अखिलेश यादव की सरकार थी। फिर क्यों नहीं इन दोनों सरकारों ने इस क्षेत्र की जनता को लाभ पहुंचाया।

उन्होंने आगे कहा कि गांधी परिवार चाहता था कि गरीब उनके सामने हाथ फैलाता रहे। विकास हुआ तो गरीब स्वावलंबी हो जाएगा। उनके सामने हाथ नहीं फैलाएगा। वो नहीं चाहते थे कि कोई उनके बराबर में बैठकर बात करे। लोकसभा के चार चरण का मतदान हो चुका है, वह अभी तक तय नहीं कर पा रहे हैं कि उनका पीएम पद का उम्मीदवार कौन है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस पर जवाब दे देते।

राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि वह उत्तर भारत के विरोध में इतना बोल चुके हैं, वायनाड में चुनाव होने के बाद अब रायबरेली आए हैं। दम है तो वायनाड में जो किया है, वो रायबरेली में करके दिखाएं। केरल में उनके एक कार्यकर्ता ने सनातन के खिलाफ विरोध दिखाने के लिए चौराहे पर गौ हत्या की। राहुल गांधी ने उनकी पीठ थपथपाई और पूरे केरल में उनके साथ यात्रा की। अगर दम है तो उस गौ हत्यारे को यूपी में लेकर आएं।

उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता और लीडरशिप हमें प्रेरणा देती है। हमारी पार्टी दो सीटों से लेकर अब 400 पार सीटों का दावा क्यों करती है। भाजपा तो संतोष कर सकती थी कि 272 ही चाहिए 400 पार का नारा देने की क्या जरूरत थी, इस पार्टी में इंस्पिरेशनल लीडरशिप है और जब हमारी पार्टी में इंस्पिरेशनल लीडर्स हों तो हम जैसों को घर बैठना शोभा नहीं देता।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हारकर रायबरेली छोड़ेंगे क्योंकि अगर उन्हें जीत का कॉन्फिडेंस होता तो वह वायनाड से पहले पर्चा नहीं भरते और अगर उन्हें वायनाड से चुनाव जीतने का कॉन्फिडेंस होता तो फिर रायबरेली नहीं आते। राहुल गांधी के किसी भी कमेंट को देश की जनता अब सीरियसली नहीं लेती है। राहुल गांधी अनस्टेबल पॉलिटिशियन साबित हुए हैं। समाज में कैसे दरार पैदा करें, लोगों का कैसे अपमान करें, यह उनका हॉलमार्क हो चुका है। यूथ से मैं अपील करना चाहती हूं कि कुछ भी बनना, लेकिन, राहुल गांधी मत बनना, भगोड़ा मत बनाना।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि विपक्ष का कोई नेता अगर देश का प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रखता है तो वह देश के बारे में क्या सोच रखता है, लोग यह जानना चाहते हैं। आखिर कौन होगा प्रधानमंत्री, च्वाइस ही बता दें… अगर हर महीने एक-एक प्रधानमंत्री रखना है तो यह बता दें कि वो 12 कौन हैं या वो सात कौन हैं, दिन के हिसाब से या साल के हिसाब के वो 5 नाम कौन-कौन से हैं। अब तक उनका (विपक्ष) एजेंडा पता चला, केजरीवाल का एजेंडा है कि आप मुझे वोट दो मैं जेल के बाहर आना चाहता हूं। ममता बनर्जी का एजेंडा है कि वह बंगाल को लूटना चाहती हैं। बिहार वाले अपना एजेंडा खुद चला रहे हैं। राहुल गांधी का एजेंडा क्या पता नहीं है?

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कहना है कि वह सबकी गिनती करेंगे ताकी हर किसी में वह बराबरी से बंटवारा कर सकें। कांग्रेस ने आज तक किसी तो अठन्नी नहीं दी है। फिर ये सारा पैसा कहां जाएगा। कांग्रेस की नजर पहले देश की तिजोरी पर थी और अब नजर लोगों की जेब पर है, यही फर्क है। मुद्दे से वो भटक रहे हैं, हम नहीं। कौन है तानाशाह, पीएम मोदी जिसे वह हर रोज गाली देते हैं या वो जिसने देश में इमरजेंसी लगाई।

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