N1Live National कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम महिलाओं का जीवन अंधकार में डाला, सुप्रीम कोर्ट का फैसला राहत भरी खबर : शाजिया इल्मी
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कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम महिलाओं का जीवन अंधकार में डाला, सुप्रीम कोर्ट का फैसला राहत भरी खबर : शाजिया इल्मी

Congress government has put the lives of Muslim women in darkness, Supreme Court's decision is a relief news: Shazia Ilmi

नई दिल्ली, 10 जुलाई । सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसलेे में कहा कि अब तलाकशुदा मुस्लिम महिलाएं सीआरपीसी की धारा 125 के तहत याचिका दायर कर अपने पति से भरण पोषण के लिए भत्ता मांग सकती हैं।

मुस्लिम महिलाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है, उसे लेकर भाजपा प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के लिए यह राहत भरी खबर है। जो तलाकशुदा मुस्लिम महिलाएं दर-दर भटकती थीं, उनके लिए यह राहत की खबर है।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के पास तलाक के बाद बच्चों के पालने के लिए कोई आर्थिक साधन नहीं था, लेकिन अब वह तलाक के बाद अपने पूर्व पतियों से गुजारा भत्ता मांग सकती हैं। धारा 125 के तहत सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, वो अच्छा फैसला है। इस धारा के तहत मुस्लिम महिलाएं गुजारा भत्ता मांग सकती हैं। जो मुस्लिम महिलाएं पति से तलाक लेने के बाद अकेली गुजारा करती हैं और उन्हें कोई आर्थिक मदद नहीं मिलती थी, उनके लिए यह बड़ा फैसला है।

उन्होंने कहा कि यह फैसला अपने आप में बहुत ही अच्छा फैसला है। मुस्लिम महिलाओं की दुआएं आज काम आई हैं। इस तलाक पर भी लगाम लगेगी और इतनी जल्दी कोई भी पति अपनी पत्नी को तलाक नहीं देगा।

शाजिया इल्मी ने कहा है कि शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को राजीव गांधी की सरकार ने पलट दिया था। उन्होंने यह फैसला सिर्फ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मुस्लिम वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए लिया था। कांग्रेस की सरकार ने महिलाओं के जीवन को अंधकार में डाल दिया गया था। हमारी सरकार इस फैसले की सराहना करती है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कह दिया है कि यह फैसला हर धर्म की महिलाएं पर लागू होगा और मुस्लिम महिलाएं भी इसका सहारा ले सकती हैं। इसके लिए उन्हें सीआरपीसी की धारा 125 के तहत कोर्ट में याचिका दाखिल करने का अधिकार है। यह फैसला जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने सुनाया है।

दरअसल, यह पूरा मामला अब्दुल समद नाम के व्यक्ति से जुड़ा हुआ है। बीते दिनों तेलंगाना हाईकोर्ट ने अब्दुल समद को अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देने का आदेश था। इस आदेश के विरोध में अब्दुल समद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। अब्दुल ने अपनी याचिका में कहा कि उनकी पत्नी सीआरपीसी की धारा 125 के अंतर्गत उनसे गुजारा भत्ता मांगने की हकदार नहीं है। उसे मुस्लिम महिला अधिनियम, 1986 अधिनियम के अनुरूप चलना होगा।

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