January 19, 2025
National

कांग्रेस आत्ममंथन करने के बजाए दोष मढ़ने का काम कर रही : प्रदीप पुरोहित

Congress is blaming instead of introspecting: Pradeep Purohit

भुवनेश्वर, 30 नवंबर । चुनाव आयोग को लेकर कांग्रेस नेता भाई जगताप की ओर से की गई विवादित टिप्पणी पर भाजपा सांसद प्रदीप पुरोहित ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पुरोहित ने कहा कि कांग्रेस आत्ममंथन करने के बजाए दोष मढ़ने का काम कर रही है।

भाजपा सांसद प्रदीप पुरोहित ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने 50 साल के शासनकाल के गलत कामों पर आत्ममंथन करने की बजाय चुनाव आयोग पर दोषारोपण कर रही है। कांग्रेस के ऐसे आरोप लोगों के बीच भ्रम पैदा कर रहे हैं और पार्टी को यह समझना चाहिए कि मतदाता क्यों उन्हें नहीं चुन रहे हैं?

भाजपा सांसद ने कांग्रेस के नेताओं द्वारा चुनाव आयोग को ‘कुत्ता’ जैसे अपमानजनक शब्दों से संबोधित किए जाने पर भी नाराजगी जताई और सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईवीएम में धोखाधड़ी के आरोपों पर दी गई सख्त टिप्पणियों का हवाला दिया।

बता दें कि कांग्रेस नेता भाई जगताप ने चुनाव आयोग की तुलना कुत्ते से कर डाली थी। कांग्रेस नेता भाई जगताप ने शुक्रवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने 45 से अधिक साल राजनीति में निकाले हैं और महाराष्ट्र में इस तरह के नतीजे आए हैं। जबकि, इन्होंने ऐसा कुछ काम नहीं किया है। मैं पहले से कहता आया हूं कि आज नहीं तो कल इस पर बातचीत होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मांग की है चुनाव बैलेट पेपर से हो। हमारा लोकतंत्र विश्व में सबसे बड़ा लोकतंत्र है। उस लोकतंत्र पर कोई सवाल उठता है तो इसका जवाब इलेक्शन कमीशन और सरकार को देना चाहिए। चुनाव आयोग तो कुत्ता है। कुत्ता बनकर नरेंद्र मोदी के बंगले के बाहर बैठता है।

उन्होंने कहा था कि सभी एजेंसियां जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बनाई गई हैं दुर्भाग्य से उसका गलत इस्तेमाल महाराष्ट्र में किया गया।

उन्होंने आगे कहा था- मैं कह रहा हूं कि ईवीएम हैक नहीं किया गया है। इसे सेट और टेंपर किया गया है। दोनों शब्द अलग-अलग है। यह कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। इन्होंने सबसे पहली कोशिश मध्य प्रदेश में की। जहां इनको (भाजपा) कामयाबी भी मिली। आपको याद होगा कि इनका मध्य प्रदेश में महाराष्ट्र जैसे हाल था। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां पर लैंडस्लाइड विक्ट्री मिली थी। विधानसभा चुनाव में क्या हाल हुआ आपने देखा। मध्य प्रदेश में व्यापमं जैसा घोटाला हुआ था, उसके सभी 32 गवाह की हत्या हुई है। ये हश्र है इस देश के लोकतंत्र का। इससे कहीं न कहीं आशंका पैदा होती है।

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