नई दिल्ली, 13 अगस्त । भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने कांग्रेस पर सोमवार को बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का पुराना इतिहास रहा है कि देश के हितों से ज्यादा उनको विदेशी हितों की चिंता रहती है। चाहे कांग्रेस पार्टी के संस्थापक एओ ह्यूम को ले लीजिए, कांग्रेस पार्टी का गुप्त समझौता चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी से हुआ उसको ले लीजिए, जॉर्ज सोरोस जैसे लोगों से गुप्त मीटिंग को ले लीजिए या हिडनबर्ग रिपोर्ट को ले लीजिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी देश के हितों के साथ नहीं खड़ी होती है, बल्कि विदेशी ताकतों के व उनके हितों के साथ खड़ी होती है। आज ये विदेशी ताकतों के साथ मिलकर भारतीय अर्थव्यवस्था के गति को रोकने, भारतीय पूंजी बाजार की ग्रोथ रोकने, छोटे निवेशकों की आमदनी को रोकने की कोशिश करते हैं। लेकिन, भारत का स्टॉक मार्केट बहुत मजबूत है। हिंडनबर्ग की मनगढ़ंत रिपोर्ट का स्टॉक मार्केट पर कोई असर नहीं पड़ा।
उन्होंने कहा कि देश के लोग कांग्रेस से चार सवाल पूछना चाहते हैं। 2014 में देश में मात्र 2 करोड़ 20 लाख डीमैट एकाउंट क्यों थे, जो आज बढ़कर 15 करोड़ हो गए हैं। पिछले 10 सालों में 15 गुना की बढ़ोतरी क्यों हुई। देश के लोग कांग्रेस से पूछना चाहते हैं कि क्यों पिछले चार साल में आईपीओ के जरिए मार्केट से कंपनियों ने सवा 3 लाख करोड़ रुपया रेज किया, पहले ऐसा क्य़ों नहीं हुआ। क्यों म्यूचअल फंड इंडस्ट्री की साइज आज बढ़कर 65 लाख करोड़ हो गई, जो 2014 में पौने दस लाख करोड़ थी।
उन्होंने कहा कि देश के लोग कांग्रेस से यह भी पूछना चाहते हैं कि आपका और एनला चैंग मार्क किंगडन इंटरप्राइजेज का क्या रिश्ता है। कांग्रेस का ओसीसीआरपी की संस्था, सोरोस फंडेड ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के साथ क्या रिश्ता है। क्यों कांग्रेस हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के चंद मिनट बाद ही ट्वीट कर देती है लेकिन, बांग्लादेश के मुद्दे पर चुप्पी साधी हुई है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के कुछ मिनट बाद ही कांग्रेस के नेता ट्वीट कर देते हैं। क्या हिंडनबर्ग पहले कांग्रेस को रिपोर्ट भेजती है और कांग्रेस उसके पोस्टर बनाती है, उसके बाद रिपोर्ट जारी होती है।
उन्होंने कहा कि देश यह भी जानना चाहता है कि राहुल गांधी ने जो चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समझौता किया उसका मसौदा क्या है। क्यों कांग्रेस पार्टी मोदी का विरोध करते-करते इस स्तर पर आ गई कि देश की अर्थव्यवस्था का विरोध करने लगी। क्यों कांग्रेस पार्टी के नेताओं की संपत्ति अभूतपूर्व तरीके से बढ़ती है। राहुल गांधी की संपत्ति 2004 में 55 लाख थी, वह 2024 में बढ़कर साढ़े बीस करोड़ रुपये हो गई। मतलब बीस सालों के अंदर 3583 प्रतिशत की बढ़त।
उन्होंने आगे कहा कि उसी तरह अगर हम कांग्रेस पार्टी और उनके सहयोगी दल जैसे समाजवादी पार्टी के नेता कपिल सिब्बल की संपत्ति देखे तो 2004 से 2022 के बीच लगभग पौने तीन हज़ार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अभिषेक मनु सिंघवी की बात करें तो उनकी संपत्ति में 2006 से 2024 के बीच 2311 फीसद की बढ़ोतरी हुई। चिदंबरम साहब, जिनकी संपत्ति 2011 में 12 करोड़ थी वह 2022 में बढ़कर 141 करोड़ हो गई। देश के युवाओं को कांग्रेस पार्टी ये फॉर्मूला कब देगी। क्यों कांग्रेस देश की आर्थिक प्रगति को रोकना चाहती है, हिंडनबर्ग और कांग्रेस का ये रिश्ता क्या कहलाता है।