बिहार चुनाव में एनडीए की ओर से शुक्रवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है, जिसे झारखंड कांग्रेस प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने गुमराह पत्र और ठग पत्र बताया है।
राकेश सिन्हा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए एनडीए के घोषणापत्र पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “यह घोषणापत्र नहीं, गुमराह पत्र है। यह ठग पत्र है। पहले भी भाजपा और एनडीए ने कई घोषणापत्र जारी किए। हर साल 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, क्या वह धरातल पर उतरा? ये सिर्फ घोषणापत्र में दलितों के हितैषी बनते हैं।”
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की ही सरकार है और वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, लेकिन फिर भी वहां पर एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी जाती है, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर पाती है। एनडीए की सरकार दलितों की हितैषी कभी नहीं रही है।
राकेश सिन्हा ने कहा कि धरातल पर भाजपा और एनडीए की सरकार दलितों और अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है। इसी तरह इन लोगों ने बिहार में अपना घोषणा पत्र गुमराह पत्र की तरह जारी किया है। जनता अब इनके बहकावे में नहीं आने वाली है। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है।
उन्होंने कहा, “आज 31 अक्टूबर इंदिरा गांधी का शहादत दिवस है, बलिदान दिवस है। उन्होंने देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए अपने प्राण प्राणों की बलि चढ़ा दी। राष्ट्र की मजबूती के लिए अपना जीवन समर्पित किया। आज इंदिरा को नमन करने का दिन है।”
कांग्रेस प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने घाटशिला उपचुनाव में इंडिया गठबंधन को लेकर कहा, “ये एजेंडा नहीं है। घाटशिला का उपचुनाव है। चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा चुनाव लड़ रही है। स्वाभाविक तौर पर वहां झारखंड मुक्ति मोर्चा से पूर्व में विधायक भी जीते हैं। तो वहां जेएमएम चुनाव लड़ रही है और कांग्रेस को जो सहयोग करना है, वो करेगी। हम धरातल पर सहयोग कर रहे हैं, हम पोस्टर के लिए सहयोगी नहीं हैं।”

 
													
 
											 
											 
											 
											 
											