May 22, 2025
National

कांग्रेस ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को ‘छिटपुट युद्ध’ कहकर सेना की शहादत और साहस का मजाक उड़ाया : तरुण चुघ

Congress made fun of the martyrdom and courage of the army by calling ‘Operation Sindoor’ a ‘sporadic war’: Tarun Chugh

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश और मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा उठाए गए सवालों पर कहा कि कांग्रेस ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को ‘छिटपुट युद्ध’ कहकर देश की सेना की शहादत और साहस का मजाक उड़ाया है। यह न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि राष्ट्रविरोधी मानसिकता का प्रमाण भी है।

तरुण चुघ ने कहा, “आज यह स्पष्ट हो गया है कि हाफिज सईद जैसे आतंकवादी राहुल गांधी को क्यों पसंद करते हैं। क्योंकि कांग्रेस का पूरा नेतृत्व पाकिस्तान की नैरेटिव फैक्ट्री का मुफ्त प्रवक्ता बन गया है। जिस पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 निर्दोष लोगों को मारा है, उनके खिलाफ कार्रवाई होने पर आपको दिक्कत क्या हो रही है?”

उन्होेंने कहा कि खड़गे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को “छोटा युद्ध” कहकर हमारे वीर जवानों की शौर्यगाथा पर प्रश्नचिह्न लगाते हैं, जबकि सेना ने पाकिस्तान में घुसकर नौ आतंकवादी अड्डों को ध्वस्त किया और 100 से अधिक आतंकियों का खात्मा किया। पाकिस्तान के 11 एयरबेस नेस्तनाबूद हुए, क्या इसे छोटा युद्ध कहेंगे?

भाजपा नेता ने कहा कि जब पाकिस्तान खुद तबाही के सुबूत दिखा रहा है, तब राहुल गांधी ‘सबूत’ की रट लगाकर सेना की बहादुरी का उपहास उड़ा रहे हैं। यही वजह है कि पाकिस्तान में वह ‘पोस्टर बॉय’ की तरह पूजे जा रहे हैं।

तरुण चुघ ने मुर्शिदाबाद हिंसा के मामले में पश्चिम बंगाल में हाई कोर्ट द्वारा तृणमूल कांग्रेस के नेता पर आए फैसले पर कहा है कि जब राज्य की पुलिस पीड़ितों के फोन उठाने से इनकार कर दे और हत्यारे सत्ता की छाया में पनपें, तब वह राज्य संविधान नहीं, ‘शरिया तंत्र’ से चलाया जा रहा होता है। उन्होंने कहा कि यह बंगाल नहीं, ‘मॉडर्न जिन्ना’ ममता बनर्जी के राज में बनता हुआ तालिबान है।

तृणमूल कांग्रेस पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के बंगाल में अब हिन्दू होना ही सबसे बड़ा अपराध बन गया है। तृणमूल पार्षद की अगुवाई में हुई बर्बर हिंसा और पुलिस की शर्मनाक चुप्पी इस सरकार की आतंकपरस्ती और हिन्दू विरोधी मानसिकता का खुला प्रमाण है।

उन्होेंने कहा कि मुर्शिदाबाद में हिन्दुओं पर हुआ हमला कोई दंगा नहीं, सुनियोजित ‘सांप्रदायिक नरसंहार’ था और उसकी अगुवाई खुद सत्तारूढ़ पार्टी का पार्षद कर रहा था। ममता सरकार इस्लामी कट्टरवादियों की खुली ढाल बन चुकी है।

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