कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ माने जाने वाले रोहतक और झज्जर विधानसभा क्षेत्रों की आठ में से सात सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, लेकिन टिकट चाहने वालों की ओर से की जा रही जोरदार पैरवी के मद्देनजर कथित तौर पर महम सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं।
चार बार विधायक रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद सिंह डांगी को 2019 के विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार बलराज कुंडू के हाथों हार का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने इस बार टिकट के लिए आवेदन नहीं किया है, क्योंकि वह अपने बेटे बलरान डांगी को अपनी जगह महम से चुनाव लड़ाना चाहते हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेतृत्व आनंद को फिर से चुनाव मैदान में उतारने के पक्ष में है।
दिलचस्प बात यह है कि दोनों प्रमुख पार्टियां – कांग्रेस और भाजपा – टिकट आवंटन के मामले में एकमत हैं, क्योंकि उन्होंने विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची में रोहतक और झज्जर जिले की आठ सीटों में से केवल एक पर ही उम्मीदवार रखा है।
तीन दिन पहले भाजपा ने 67 सीटों के लिए अपने उम्मीदवार घोषित किए थे, लेकिन रोहतक सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी, जहां से वर्तमान में कांग्रेस विधायक और पार्टी के मुख्य सचेतक भारत भूषण बत्रा सांसद हैं। कांग्रेस ने बत्रा को फिर से रोहतक से अपना उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा ने भारतीय कबड्डी टीम के पूर्व कप्तान दीपक हुड्डा को महम से मैदान में उतारा है। यह उनका पहला चुनाव होगा।
जहां तक कांग्रेस का सवाल है, महम सीट के लिए 28 उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। इनमें बलराम दांगी, चौधरी देवी लाल यूनिवर्सिटी (सीडीएलयू) के प्रोफेसर डॉ. मनोज सिवाच और डॉ. गीता रानी, एमडीयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. विकास सिवाच, सेवानिवृत्त कॉलेज शिक्षक डॉ. महिपाल सिंह गिल और अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. दीपक राठी शामिल हैं।
एक स्थानीय कांग्रेस नेता ने कहा, “कांग्रेस का उम्मीदवार दांगी परिवार से ही होने की संभावना है। अब देखना यह है कि वह आनंद सिंह दांगी होंगे या उनके बेटे बलराम।”