उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर कई करोड़ लोगों के स्नान करने की संभावना है। इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अपने एक बयान को लेकर विवादों में आ गए हैं। खड़गे ने सोमवार को एक रैली के दौरान कहा, “गंगा नदी में डुबकी लगाने से क्या गरीबी दूर होती है।” खड़गे के इस बयान पर विश्व हिंदू परिषद ने कड़ी आलोचना की है।
विहिप की ओर से सुरेंद्र जैन ने वीडियो जारी कर कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने न केवल कुंभ की पवित्र और सनातन परंपरा का अपमान किया है, बल्कि पूरे हिंदू समाज की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है। पूरा विश्व हिंदू मान्यताओं के सामने अचंभित और नतमस्तक है। 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयाग में आएंगे और त्रिवेणी के पवित्र जल में स्नान कर खुद को धन्य मानेंगे। कुंभ हिंदुओं की गौरवशाली यात्रा का एक स्वर्णिम अध्याय बन गया है।
“आज कुंभ के अवसर पर सिद्ध हो गया है कि वहां जाति का भेद नहीं है। लेकिन कुछ लोगों का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। मैं खड़गे से पूछना चाहता हूं कि क्या दूसरे धर्मों पर बोलने की हिम्मत है। देश जानता है कि राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन को धूमिल करने के लिए कैसे-कैसे षड्यंत्र रचे गए थे। कई मंचों से हिन्दुओं को अपमानित करने का काम किया। खड़गे और कांग्रेस को चुनौती देता हूं, सनातन को समाप्त करने वाले समाप्त हो गए। लेकिन सनातन समाप्त नहीं कर पाए। देश की जनता और हिन्दू समाज इनकी हिन्दू विरोधी सोच को करारा जवाब देगा।”
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक रैली में कहा था, “क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर होती है, क्या आपको खाना मिलता है। मैं किसी की आस्था को कोई ठेस नहीं पहुंचाना चाहता। किसी को दुःख हुआ तो मैं माफी चाहता हूं। लेकिन आप बताइए कि जब बच्चा भूखा मर रहा है, बच्चा स्कूल में नहीं जा रहा है, मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है, लेकिन तब तक डुबकी लगाते हैं जब तक टीवी पर अच्छे से नहीं आ जाता। ऐसे लोगों से देश की भलाई होने वाली नहीं है। हमारी आस्था भगवान में है। हर किसी को अपनी आस्था पर चलने की आजादी है। हमें कोई एतराज नहीं है। हमको एतराज है, गरीबों का जो शोषण हो रहा है, धर्म के नाम पर, उसके खिलाफ हमें लड़ना है।
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