केंद्र सरकार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के खिलाफ बुधवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर के डाकघर के सामने विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व सिरसा से सांसद, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी शैलजा ने किया।
यह विरोध पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के खिलाफ ईडी की कार्रवाई के जवाब में किया गया।
कुमारी शैलजा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार राजनीतिक बदले की भावना से ईडी का दुरुपयोग कर रही है और कांग्रेस नेताओं को नफरत की भावना से निशाना बना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ गलत तरीके से चार्जशीट दाखिल कर तानाशाही की तरह काम कर रही है।
उन्होंने कहा, “यह लड़ाई सिर्फ़ सोनिया गांधी या राहुल गांधी की नहीं है। यह सच और झूठ, तानाशाही और लोकतंत्र के बीच की लड़ाई है। यह हर नागरिक, युवा, गरीब लोगों, छोटे दुकानदारों, मज़दूरों और किसानों से जुड़ी है। राहुल गांधी इस लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं और हम जीत तक चट्टान की तरह उनके साथ खड़े रहेंगे।”
शैलजा ने कहा कि भाजपा राहुल गांधी की आवाज दबाना चाहती है और इसके लिए नकारात्मक हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में सभी को बोलने का अधिकार है। लेकिन भाजपा लोगों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। यह लोकतंत्र को बचाने का समय है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस इस तरह के तानाशाही शासन का विरोध करेगी।
विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और समर्थक मौजूद थे, जिनमें विधायक शीशपाल केहरवाला (कालांवाली), भरत सिंह बेनीवाल (ऐलनाबाद) और बलवान सिंह दौलतपुरिया (फतेहाबाद) के साथ-साथ संदीप नेहरा, वीरभान मेहता, नवीन केडिया, राजेश चाडीवाल, कृष्णा फोगट और अन्य पार्टी नेता शामिल थे।
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