March 26, 2025
National

कांग्रेस ने केरल में कम्युनिस्ट आंदोलन को दबाने के लिए आतंक और हिंसा का लिया सहारा : पिनाराई विजयन

Congress resorted to terror and violence to suppress the communist movement in Kerala: Pinarayi Vijayan

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने रविवार को चीमेनी हत्याकांड को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह घटना यह साबित करती है कि कांग्रेस ने राज्य में कम्युनिस्ट आंदोलन को दबाने के लिए आतंक और हिंसा का सहारा लिय

सीएम विजयन ने कहा कि 23 मार्च, 1987 को कांग्रेस के गुंडों द्वारा किए गए इस हिंसक हमले में पांच सीपीआई (एम) कार्यकर्ताओं की जघन्य तरीके से हत्या कर दी गई थी।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आज तक इस अमानवीय कृत्य की न तो सार्वजनिक तौर पर निंदा की है और न ही इसके लिए माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि यह घटना कांग्रेस के उन नकारात्मक और हिंसक तरीकों को उजागर करती है, जिनके जरिए वह अपने राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने की कोशिश कर रही थी।

विजयन ने इस घटना को याद करते हुए कहा कि यह आज भी केरल के इतिहास का एक काला दिन है और यह घटना राज्य के लोगों को यह याद दिलाती है कि राजनीतिक हिंसा का कोई भी रूप स्वीकार्य नहीं हो सकता।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “चीमेनी हत्याकांड इस बात की याद दिलाता है कि किस तरह कांग्रेस ने केरल में कम्युनिस्ट आंदोलन को दबाने के लिए आतंक और हिंसा का इस्तेमाल किया। 23 मार्च, 1987 को कांग्रेस के गुंडों ने एक हिंसक हमला किया, जिसमें पांच सीपीआई(एम) कार्यकर्ताओं के.वी. कुंजिकानन, पी. कुंजप्पन, अलवलप्पिल अम्बू, सी. कोरन और एम. कोरन को जलाकर मार डाला गया। आज तक कांग्रेस ने इस जघन्य कृत्य की न तो निंदा की है और न ही इसके लिए माफी मांगी है। इस तरह के क्रूर दमन के खिलाफ लड़ाई में शहीदों का बलिदान समानता, न्याय और प्रगति के लिए हमारे संघर्ष को प्रेरित करता है। लाल सलाम!”

चीमेनी नरसंहार इतिहास का एक काला अध्याय है, जिससे इस पीढ़ी के अधिकांश लोग अपरिचित हैं। 23 मार्च, 1987 वह सोमवार का दिन था। जब लगभग 100 हमलावरों के एक समूह ने केरल विधानसभा चुनाव के दौरान सीपीएम चीमेनी स्थानीय समिति कार्यालय को घेर लिया, उसमें आग लगा दी और भागने की कोशिश करने वाले पांच सीपीएम कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी।

चीमेनी उस समय कासरगोड जिले के त्रिकारीपुर निर्वाचन क्षेत्र का एक गांव था, जहां कांग्रेस पार्टी का दबदबा था। यह सीपीएम स्थानीय समिति कार्यालय से ज्यादा दूर नहीं था। चीमेनी कांग्रेस मंडल समिति कार्यालय पर तलवार, चाकू और लाठियों सहित विभिन्न हथियारों से लैस लगभग सौ कांग्रेस हमलावरों ने सीपीएम स्थानीय समिति कार्यालय को घेर लिया और उस पर हमला कर दिया।

कार्यालय के अंदर चुनाव विश्लेषण बैठक में भाग ले रहे लगभग तीस सीपीएम कार्यकर्ताओं को आग के हवाले कर दिया गया। भागने की कोशिश करने वाले चार नेताओं की हत्या कर दी गई। चार लोगों, पी कुंजप्पन, एम कोरान, अलुवलप्पिल अम्बु और चालिल कोरान की पार्टी कार्यालय परिसर में ही हत्या कर दी गई। स्थानीय समिति के सदस्य के.वी.कुंजिकन्नन, जो बूथ के प्रभारी थे, घटना के समय थोड़ी दूरी पर चौराहे पर खड़े थे। वापस आते समय हमलावरों ने उसे भी घायल कर दिया। वे अपने सिर पर पत्थर रखकर लौटे, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।

Leave feedback about this

  • Service