नई दिल्ली,13 अक्टूबर। कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने रविवार को आईएएनएस से बात की। रागिनी ने बाबा सिद्दीकी की हत्या, किसान नेता गुरनाम चढूनी और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बयानों पर प्रतिक्रिया दी है।
किसान नेता गुरनाम चढूनी ने कहा कि कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा, “देश में लोकतंत्र है, हर व्यक्ति को अपनी बात रखने का अधिकार है। लोकसभा में कांग्रेस ने हरियाणा में अच्छा प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जनता की आवाज को उठाने का लगातार काम रहे हैं। कांग्रेस लगातार किसान, रोजगार. महंगाई समेत तमाम उन मुद्दों को उठा रही है जो आम जनता से जुड़े हुए हैं। हम मोदी सरकार को परास्त करने में सक्षम हैं।”
पी. चिदंबरम के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “किसी भी हार और जीत का केवल एक ही कारण नहीं होता है, बहुत सारे कारण होते हैं। मतगणना के दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा और जयराम रमेश ने प्रेस वार्ता कर कहा था कि तीन जिलों में ईवीएम 99 फीसदी चार्ज थी। ईवीएम 99 फीसदी कैसे चार्ज हो सकती है और इन्हीं जिलों में कांग्रेस की हार हुई, यह कैसे संभव है। जहां ईवीएम 60 से 70 फीसदी चार्ज थी वहां, कांग्रेस को बढ़त मिली। कांग्रेस का वोट प्रतिशत गत चुनावों की तुलना में बढ़ा है। लेकिन, सीट उस लिहाज से बढ़ती हुई नहीं दिखाई दी है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग भी गया। वहां अपनी बात भी हम लोगों ने रखी है। हालांकि, हरियाणा में हमारी हार के पीछे क्या और कारण थे, इसे लेकर पार्टी आत्ममंथन जरूर करेगी। जम्मू-कश्मीर में हम लोगों ने चुनाव जीता है। महाराष्ट्र और झारखंड में भी ‘इंडिया’ ब्लॉक की सरकार बनेगी।
मुंबई में बाबा सिद्दीकी की हत्या पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि महाराष्ट्र की कानून-व्यवस्था पूर्ण रूप से लचर और पस्त है। न्याय और नीति महाराष्ट्र से गायब है। बाबा सिद्दीकी तीन बार के विधायक और पूर्व मंत्री थे। उन्हें ‘वाई’ लेवल की सुरक्षा मिली हुई थी, इसके बावजूद उनकी हत्या कर दी गई।
ऐसे में सवाल है कि यदि देश में ‘वाई’ लेवल की सुरक्षा से लैस व्यक्ति के साथ ऐसा हो सकता है तो आम आदमी का क्या होगा? बहुत चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ गैंगस्टर जेल से इस पूरे घटनाक्रम की जिम्मेदारी ले रहे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी क्या कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “नैतिकता के आधार पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा दे देना चाहिए।”