हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एचपीसीसी) के अध्यक्ष विनय कुमार ने आज यहां कहा कि कांग्रेस महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) का नाम बदलने और उसे कमजोर करने के खिलाफ केंद्र सरकार के विरुद्ध जल्द ही राज्यव्यापी जन जागरूकता अभियान शुरू करेगी। कुमार ने आज यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह केवल योजना का नाम बदलने का मुद्दा नहीं है, बल्कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आजीविका पर सीधा हमला है।
उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत कांग्रेस कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को योजना की मुख्य विशेषताओं जैसे कि समय पर वेतन भुगतान, कार्यदिवसों की संख्या और स्थानीय विकास पर इसके सकारात्मक प्रभाव के बारे में बताएंगे ताकि केंद्र सरकार के “भ्रामक प्रचार” के पीछे की सच्चाई उजागर हो सके। कुमार ने कहा कि इसके साथ ही पार्टी कई विरोध प्रदर्शन और रैलियां भी करेगी और केंद्र सरकार के इस कदम को वापस लेने के लिए केंद्र को ज्ञापन सौंपेगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य की सभी पंचायतों में नई योजना की कमियों को उजागर करेगी और जन परामर्श के माध्यम से ग्रामीण आबादी की वास्तविक राय सामने लाएगी। कुमार ने कहा, “इस प्रक्रिया के दौरान, पंचायत प्रतिनिधियों, श्रमिक संगठनों, महिला समूहों और युवाओं को शामिल करते हुए व्यापक संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।”
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खर्गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के इस जनविरोधी फैसले के खिलाफ देशव्यापी अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस का मानना है कि एमजीएनआरईजीए की संरचना में छेड़छाड़ करना और इसे नए नाम और ढांचे के तहत नया रूप देने का प्रयास ग्रामीण रोजगार सुरक्षा को कमजोर करने और कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की नीति का हिस्सा है।”


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