N1Live National कांग्रेस लोगों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहती है : मुख्तार अब्बास नकवी
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कांग्रेस लोगों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहती है : मुख्तार अब्बास नकवी

Congress wants to create confusion among people: Mukhtar Abbas Naqvi

भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि आज की तारीख में भारत कांग्रेस पर निर्भर नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत है। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग कब तक एक्सपायर हो चुकी चीजों को देश के सामने नए ब्रांड के रूप में पेश करते रहेंगे। आखिर कब तक यह लोग कहते रहेंगे कि इस रोड और पोर्ट का शिलान्यास नेहरू जी ने किया था। अब यह कांग्रेस को बंद कर देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब से सत्ता से बेदखल हुई है, तब से वो लगातार पुराने गाने ही गा रही है, जिसे अब किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस को अब यह स्वीकार करना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत हर तरफ उपलब्धियां अर्जित कर रहा है। आज की तारीख में चौतरफा विकास की बयार बह रही है। लेकिन, अफसोस कांग्रेस इसे स्वीकार नहीं कर पा रही है।

उन्होंने जातिगत जनगणना को लेकर कांग्रेस की तरफ से सवाल उठाए जाने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि पहले यही लोग कह रहे थे कि केंद्र सरकार जातिगत जनगणना नहीं करा रही है और जब सरकार जातिगत जनगणना कराने की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ा चुकी है, तो इन लोगों को मिर्ची लग रही है। ये लोग अब इस पर भी सवाल उठा रहे हैं। ऐसा करके कांग्रेस देश के लोगों के बीच में भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहती है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।

बता दें कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना के फैसले पर सवाल उठाया। उन्होंने अपने पोस्ट में तेलंगाना सरकार की तरफ से जातिगत जनगणना के संबंध में जारी अधिसूचना भी साझा की।

कांग्रेस नेता ने अपने पोस्ट में कहा कि जब तेलंगाना सरकार की तरफ से जातिगत जनगणना के संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी, तो उसमें ‘जाति’ शब्द का जिक्र तीन बार किया गया था। लेकिन, केंद्र सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना में एक बार भी जाति शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है।

वहीं, उन्होंने इजरायल और ईरान के बीच बनी युद्ध की स्थिति पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर भारत किसी भी सूरत में युद्ध का पक्षधर नहीं रहा है। भारत हमेशा से विस्तारवादी नीतियों का विरोधी रहा है और आगे भी रहेगा।

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