February 3, 2025
Haryana

सिरसा विश्वविद्यालय के अनुबंधित शिक्षकों ने समान काम के लिए समान वेतन की मांग की

Contracted teachers of Sirsa University demand equal pay for equal work

चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय (सीडीएलयू) संविदा शिक्षण संघ ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से आग्रह किया है कि वह अपने आगामी यूजीसी विनियम-2025 में हरियाणा के राज्य विश्वविद्यालयों में संविदा और अंशकालिक प्रोफेसरों के सामने आने वाले मुद्दों का समाधान करे।

यूजीसी चेयरमैन को लिखे पत्र में एसोसिएशन ने नियमित शिक्षकों की तुलना में संविदा शिक्षकों के साथ किए जाने वाले असमान व्यवहार पर प्रकाश डाला। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राकेश सैनी ने कहा, “अनुबंधित प्रोफेसर अकादमिक मानकों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, फिर भी उन्हें वेतन, नौकरी की सुरक्षा और लाभों में महत्वपूर्ण असमानताओं का सामना करना पड़ता है। अब समय आ गया है कि इन मुद्दों को सुलझाया जाए।”

एसोसिएशन ने कई महत्वपूर्ण बदलावों का प्रस्ताव रखा, जिसमें समान काम के लिए समान वेतन, वार्षिक वेतन वृद्धि और वेतन को 7वें वेतन आयोग से जोड़ना शामिल है। उन्होंने लंबे समय से कार्यरत संविदा शिक्षकों को नियमित करने और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक समान नीति की भी मांग की।

सैनी ने आगे कहा, “हम निष्पक्ष व्यवहार की मांग कर रहे हैं। संविदा प्रोफेसरों को नियमित शिक्षकों की तरह ही मातृत्व और चिकित्सा अवकाश, शोध अनुदान और पेंशन लाभ मिलना चाहिए। ये बदलाव देश में उच्च शिक्षा के मानकों को ऊपर उठाएंगे।”

पत्र में योग्यता और प्रदर्शन के आधार पर संविदा शिक्षकों के लिए कैरियर विकास सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शी भर्ती और पदोन्नति नीतियों की भी मांग की गई।

एसोसिएशन को उम्मीद है कि इन सिफारिशों से हजारों संविदा प्रोफेसरों को न्याय मिलेगा और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। पत्र की प्रतियां राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर शिक्षा मंत्रियों को भेजी गईं।

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