पंचकुला, 22 जनवरी
यहां डीएलएफ कॉलोनी के निवासियों ने आज अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिष्ठा के अनुरूप क्षेत्र में मंदिर बनाने के लिए एक इमारत के बाहर यज्ञ का आयोजन किया। निवासियों ने कहा कि वे पिछले सात वर्षों से मंदिर की मांग उठा रहे थे। आख़िरकार आज उन्होंने अपने दम पर मंदिर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
रविवार और सोमवार की मध्यरात्रि को कुछ व्यक्तियों द्वारा मंदिर की मूर्तियां रखने के लिए चिह्नित क्षेत्र को ईंटों से तोड़ने का वीडियो वायरल होने के बाद यह कार्यक्रम विवादों में घिर गया था।
वैली रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष कर्नल नरेंद्र देसवाल (सेवानिवृत्त) ने कहा कि कुछ लोग आधी रात में आए और एक कमरे में मंदिर की मूर्तियों को रखने के लिए बनाए गए ईंट के मंच को क्षतिग्रस्त कर दिया।
उन्होंने कहा कि ये लोग मंदिर के लिए एक भवन कक्ष के उपयोग के खिलाफ थे और उनका दावा था कि इसका उपयोग योग कक्ष के रूप में किया जाना था। उन्होंने कहा, “लेकिन जिस ज़मीन की बात हो रही है उसे धार्मिक स्थल के रूप में इस्तेमाल के लिए पंजीकृत किया गया है।”
उन्होंने कहा कि ईंट-भट्ठे को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्तियों ने उनके खिलाफ पुलिस को शिकायत सौंपी है।
वैली रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों ने क्षेत्र के निवासियों की विभिन्न समस्याओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में डिस्पेंसरी समेत कई बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सोसायटी के सदस्यों ने कहा, “हमें उस क्षेत्र में डिस्पेंसरी बनाने के लिए कई आश्वासन दिए गए हैं, जहां 1,800 परिवार हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इस संबंध में कुछ भी नहीं किया गया है।”
कर्नल देसवाल ने कहा कि क्षेत्र में कोई सामुदायिक केंद्र और मुख्य सड़क से सीधी सड़क कनेक्टिविटी नहीं है। उन्होंने कहा, “अक्टूबर 2017 से, निवासियों को खुद ही सोसायटी का रखरखाव करने के लिए मजबूर किया गया है। उन्होंने इसके रखरखाव पर अपनी जेब से 26.23 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।’
उन्होंने कहा कि जलभराव, सड़कों और फ्लैटों का दोषपूर्ण निर्माण कुछ अन्य मुद्दे थे जिनका क्षेत्र के निवासियों को सामना करना पड़ा। इस बीच, भवन के एक कमरे में मंदिर बनाने को लेकर निवासियों और विरोध करने वालों के बीच विवाद शाम तक जारी रहा।
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