कोलकाता, 28 नवंबर । कोलकाता में भाजपा की प्रस्तावित मेगा रैली को लेकर विवाद शुरू हो गया है, क्योंकि राज्य समिति ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में पश्चिम बंगाल से एकमात्र प्रतिनिधि अनुपम हाजरा को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया है।
हाजरा ने मंगलवार को पार्टी की राज्य समिति पर आरोप लगाया कि जब से वह पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में अकेले प्रतिनिधि बने हैं, तब से विभिन्न अवसरों पर उन्हें जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है।
हाजरा ने कहा “आम तौर पर, मुझे किसी भी पार्टी कार्यक्रम में बिल्कुल भी आमंत्रित नहीं किया जाता है। अगर मुझे आमंत्रित भी किया जाता है, तो निमंत्रण अंतिम क्षण में मेरे पास पहुंचता है, इससे मेरे पास भाग लेने के लिए समय नहीं बचता है। संभवतः, नेतृत्व का एक वर्ग इस बात से डरा हुआ है कि मैं शामिल होऊंगा, तो पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के सामने उनकी संगठनात्मक अक्षमता की सच्ची तस्वीर पेश कर सकता हूं।”
हालांकि, रिपोर्ट दर्ज होने तक इस मामले में पार्टी की प्रदेश कमेटी के किसी भी प्रभावशाली नेता की ओर से कोई जवाबी प्रतिक्रिया नहीं आई है।
हाजरा ने यह भी बताया कि संगठनात्मक अक्षमता के कारण जहां पार्टी में पुराने लोगों को उनके उचित महत्व से वंचित किया जाता है, पश्चिम बंगाल के कई जिलों में नेतृत्व के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा विद्रोह किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्टी के भीतर ऐसी चीजें जारी रहीं, तो 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य से 30 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य कभी पूरा नहीं होगा।
भाजपा की बुधवार की रैली में अन्य लोगों के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री गिरिराज सिंह और राज्य मंत्री निरंजन ज्योति के शामिल होने की संभावना है।
यह रैली उसी स्थान पर आयोजित की जाएगी, जहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस हर साल 21 जुलाई को अपनी शहीद दिवस रैली आयोजित करती है, इसे मनरेगा के तहत 100-दिवसीय जाब योजना के कार्यान्वयन में अनियमितताओं के विरोध के प्रतीक के रूप में बुलाया जा रहा है।