N1Live Himachal सहकारी समितियों ने आजीविका के नए अवसर प्रदान किए हैं हिमाचल प्रदेश के मंत्री राजेश धर्माणी
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सहकारी समितियों ने आजीविका के नए अवसर प्रदान किए हैं हिमाचल प्रदेश के मंत्री राजेश धर्माणी

Cooperatives have provided new livelihood opportunities, says Himachal Pradesh Minister Rajesh Dharmani

राज्य की सहकारी समितियों को आधुनिक तकनीक से लैस किया जाएगा और आपसी विकास के लिए एकीकृत किया जाएगा। यह बात तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कल बिलासपुर जिले की चट ग्राम पंचायत के भेराघाट गाँव में 72वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह 2025 के उपलक्ष्य में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में कही।

धर्माणी ने कहा कि वर्ष 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, जो वैश्विक स्तर पर सहकारिता के सिद्धांतों और भावना को और सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, सहकारिता आंदोलन को ग्रामीण विकास की रीढ़ मानते हुए, हर गाँव तक पहुँचने और उसे आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य में सहकारी समितियाँ कृषि, मत्स्य पालन, बागवानी, डेयरी उत्पादन, उपभोक्ता सेवाएँ, विपणन और वित्तीय सहायता सहित कई क्षेत्रों में मजबूती से काम कर रही हैं। इससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है, बल्कि हजारों किसानों, महिलाओं और युवाओं को आजीविका और रोजगार के नए अवसर भी मिले हैं।

मंत्री महोदय ने कहा कि इस वर्ष सहकारिता दिवस का विषय “ग्रामीण विकास में सहकारी समितियों की भूमिका” है। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन की शुरुआत भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर विशेष कार्यक्रमों के साथ हुई थी, जो सहकारिता को ग्रामीण समृद्धि और सामूहिक भागीदारी का आधार मानते थे।

उन्होंने कहा कि सहकारिताएँ ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों, श्रमिकों और छोटे उद्यमियों को संगठित करके आर्थिक मजबूती प्रदान करती हैं। इन बैठकों के माध्यम से ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन, कृषि सुधार और सामाजिक उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया जाता है।

इस अवसर पर जिला विकास सहकारी संघ के अध्यक्ष एचबी कौशल, एपीएमसी के अध्यक्ष सतपाल वर्धन, हिमुडा के निदेशक जितेंद्र चंदेल, सहकारी बैंक के निदेशक जगदीश शर्मा, जिला फेडरेशन के अध्यक्ष रणजीत कश्यप सहित विभिन्न सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारी, प्रबंधक तथा बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।

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