भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों ने लोगों में चिंता पैदा कर दी है। देश में कोविड के मामले बढ़कर 2,170 हो गए हैं। शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा अपडेट के अनुसार 511 नए मामले दर्ज किए गए। इस बीच, पिछले 24 घंटों में 255 मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिली है।
आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से अब तक विभिन्न राज्यों में मौतों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है।
1,147 मामलों के साथ केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य है, इसके बाद महाराष्ट्र (424), दिल्ली (294) और गुजरात (223) का स्थान है।
सबसे अधिक मौतें महाराष्ट्र (7) में हुई हैं, उसके बाद केरल (5) और दिल्ली (2) का स्थान है।
1 जनवरी से अब तक ठीक हुए मामलों की कुल संख्या 1,170 है। केरल (72), दिल्ली (77) और महाराष्ट्र (34) में इस दिन सबसे ज्यादा मरीज ठीक हुए।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थापित भारतीय एसएआरएस-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, एनबी 1.8.1 और एलएफ .7 – देश में जेएन.1 कोविड वैरिएंट पाए गए। इन वेरिएंट के कारण कोरोना का मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
अब तक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दोनों वेरिएंट को चिंताजनक नहीं बताया है।
इन प्रकारों से जुड़े सामान्य लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, थकान और थकावट शामिल हैं।
यद्यपि इन वेरिएंट में प्रतिरक्षा को चकमा देने की क्षमता हो सकती है, तथापि वर्तमान में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो यह बताए कि वे दीर्घकालिक गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
हाल ही में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने देश को आश्वस्त किया कि चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि संक्रमण गंभीर नहीं है।
बहल ने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार सक्रिय रूप से मामलों की निगरानी कर रही है।
साथ ही, उन्होंने मामलों में वृद्धि की स्थिति में “सतर्कता बढ़ाने और तैयार रहने” की आवश्यकता पर बल दिया।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राष्ट्रीय राजधानी के सभी अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन, दवाओं और टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार कोविड मामलों पर कड़ी निगरानी रख रही है और “कोई घबराहट की स्थिति नहीं है”।