केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ़ कल यहां सीपीआई के सैकड़ों सदस्यों ने पंचायत भवन से लेकर डॉ. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा के पास स्थित चौड़ा मैदान तक एक विशाल रैली निकाली। रैली के बाद सदस्यों ने कालीबाड़ी में तीन दिवसीय सम्मेलन में हिस्सा लिया।
पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने कहा, “2014 से भारत दो राष्ट्रों में बंट गया है – एक अमीरों का और दूसरा गरीबों का। अमीरों और गरीबों के बीच की खाई और गहरी हो गई है।”
उन्होंने कहा, “अमीरों को सभी सुविधाएं प्राप्त हैं, जबकि गरीबों का शोषण किया जा रहा है। पिछले एक दशक में केंद्र सरकार ने लगातार मजदूर वर्ग के अधिकारों को छीना है, किसानों और आम लोगों के लिए सब्सिडी खत्म की है। करीब 44 श्रम कानूनों को खत्म कर दिया गया है और उनकी जगह चार श्रम संहिताएं बनाई गई हैं, जिन्हें मजदूरों के लिए हानिकारक माना जाता है।”