सीपीएम की शिमला ज़िला कमेटी ने आज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ़ के ख़िलाफ़ उपायुक्त कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी ने शिमला में एक रैली भी निकाली, जिसके बाद ठियोग से पूर्व विधायक और सीपीएम नेता राकेश सिंघा ने एक जनसभा को संबोधित किया।
सिंघा ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ट्रंप टैरिफ के “आतंक” का इस्तेमाल करके उन देशों को डरा रहे हैं जो अमेरिका की व्यापारिक शर्तों को स्वीकार नहीं करते। उन्होंने आगे कहा, “जो देश अमेरिकी व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए व्यापार समझौते नहीं करते, उन्हें उनके द्वारा निर्यात किए जाने वाले सामानों पर मनमाने शुल्क लगाकर मजबूर किया जा रहा है, जिससे वे सामान अमेरिकी बाज़ार में महंगे हो रहे हैं। इससे उत्पादक देशों को भारी नुकसान हो रहा है जबकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को फायदा हो रहा है।”
सिंघा ने कहा, “कृषि उत्पाद, बागवानी उत्पाद, कपड़ा, मछली, हीरे, चमड़े के सामान और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों द्वारा उत्पादित वस्तुएँ भारत से अमेरिका निर्यात की जाती हैं। अगर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया गया, तो ये वस्तुएँ बहुत महंगी हो जाएँगी और निर्यात घाटे का सौदा बन जाएगा। इन वस्तुओं का उत्पादन कम हो जाएगा और कई कारखाने बंद हो जाएँगे। इससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा और बेरोज़गारी बढ़ेगी क्योंकि इन क्षेत्रों में कार्यरत लोगों की नौकरियाँ चली जाएँगी।”
उन्होंने केंद्र सरकार पर भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को लगातार अमेरिका-समर्थक बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने आगे कहा, “अमेरिका के साथ रणनीतिक समझौते हुए हैं और परिणामस्वरूप केंद्र सरकार अमेरिकी रणनीति के अनुसार काम कर रही है और अमेरिका की एक कनिष्ठ सहयोगी बन गई है। भारत ने अपनी विदेश नीति अमेरिकी हितों के अनुरूप बनाई है।”

 
													
 
											 
											 
											 
											 
											