भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने आज यहां नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ‘जनविरोधी’ नीतियों के खिलाफ 4 नवंबर से 11 नवंबर तक अभियान चलाने का फैसला किया है। यह अभियान राज्यव्यापी विरोध और प्रदर्शनों के साथ समाप्त होगा।
इस अभियान के माध्यम से सीपीएम मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, सामाजिक सेवाओं की बढ़ती लागत, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और केंद्र सरकार के ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रयास को उजागर करेगी, जिसे पार्टी लोकतंत्र विरोधी और संघवाद के खिलाफ मानती है।
यह निर्णय पूर्व विधायक राकेश सिंघा की अध्यक्षता में आयोजित पार्टी की राज्य समिति की दो दिवसीय बैठक के दौरान लिया गया।
बैठक के दौरान एनडीए सरकार और कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा लागू की जा रही जनविरोधी और नवउदारवादी नीतियों के बारे में चर्चा की गई। उन्होंने कहा, “इस अभियान के साथ, सीपीएम का उद्देश्य जनता को इन नीतियों के हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित करना है।”
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