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ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे टनल ब्लास्टिंग से डेढ़ दर्जन मकानों में आई दरारें, लोगों का विरोध प्रदर्शन

Cracks in one and a half dozen houses due to Rishikesh-Karnprayag railway tunnel blasting, people protest

नरेन्द्रनगर, 24 जनवरी । उत्तराखंड में पहाड़ी क्षेत्रों में रेल लाइन को लेकर लगातार काम चल रहा है।लेकिन इसका खामियाजा वहां रह रहे लोगों को भुगतना पड़ रहा है। लोगों के घरों में दरारें आ गई हैं। अब लोगों के सामने उन्हें रहने की समस्या सामने आ रही है।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे टनल निर्माण में ब्लास्टिंग के चलते विकासखंड नरेंद्रनगर की पट्टी दोगी के गांव बल्दियाखान में रह रहे डेढ़ दर्जन परिवारों के मकानों में दरारें पड़ गई हैं। पानी के स्रोत सूखने लगे हैं। इन विकट समस्याओं से जूझते ग्रामीण पिछले 2 साल सेसरकार व रेलवे विकास निगम से समस्याओं को हल करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर चुके हैं।

लेकिन 2 वर्षों से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी ग्रामीणों की समस्याएं जस की तस हैं। आक्रोशित ग्रामीणों ने निर्माण कार्य को रूकवा दिया है और 21 जनवरी से गूलर स्थित रेलवे टनल के मुहाने पर तंबू गाडकर धरना/प्रदर्शन कर रहे हैं।

आपको बता दें कि धरने का बुधवार को चौथा दिन है, मगर अभी तक कोई भी अधिकारी धरना/प्रदर्शन पर बैठे, पीड़ित ग्रामीणों की सुध लेने तक नहीं पहुंचा। इससे ग्रामीणों का आक्रोश और भड़कता जा रहा है।

ग्रामीणों की मांग है कि ब्लास्टिंग के कारण क्षतिग्रस्त होते जा रहे मकानों का पूरा मुआवजा दिया जाए, परिवार से एक व्यक्ति को नौकरी दी जाए व गांव को विस्थापित करने के लिए, क्षेत्र में नजदीक ही जगह दी जाए।

ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे ना मानी गई वे धरना प्रदर्शन पर डटे रहेंगे, आक्रोशित ग्रामीणों ने ऋषिकेश- बदरीनाथ हाईवे को गूलर में चक्का जाम करने की चेतावनी भी दी है।

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