स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत मनाए जा रहे ‘स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा’ का आज महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर स्वच्छ भारत दिवस पर समापन हो गया। यह कार्यक्रम पटियाला जिला प्रशासन, नगर निगम, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग तथा पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
थापर यूनिवर्सिटी में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रीति यादव और नगर निगम कमिश्नर डॉ. रजत उबरई ने नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ सफाई अभियान में योगदान देने वाले समाज सेवी संगठनों और विद्यार्थियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर एडीसी (शहरी विकास) नवरीत कौर सेखों और संयुक्त कमिश्नर दीपजोत कौर भी मौजूद थीं।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. प्रीति यादव ने इस बात पर जोर दिया कि कचरे का उत्पादन कम करना तथा घर पर ही गीला व सूखा कचरा अलग-अलग करना देशभक्ति का कार्य है।
उन्होंने सभी नागरिकों से अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखने की जिम्मेदारी लेने तथा पर्यावरण अनुकूल अपशिष्ट निपटान पद्धति अपनाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “कचरे के संचय को रोकने के लिए हम सभी को जिम्मेदारी से अपशिष्ट प्रबंधन करने की शपथ लेनी चाहिए।”
डॉ. यादव ने सरकारी स्कूल के छात्रों की रचनात्मकता की भी सराहना की, जिन्होंने बेकार पड़ी सामग्री से सजावटी और उपयोगी वस्तुएँ बनाईं, उन्होंने कहा कि आज के बच्चे देश का भविष्य संवारेंगे। उन्होंने प्रत्येक नागरिक को मिट्टी, पानी और बिजली जैसे संसाधनों का बुद्धिमानी से उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्वच्छ वातावरण छोड़ने की प्रतिबद्धता हो।
नगर निगम आयुक्त डॉ. रजत उबरई ने निवासियों से खाद बनाने के लिए बायोडिग्रेडेबल कचरे को अलग करने और प्लास्टिक और अन्य सूखे कचरे को रीसाइकिल करने का आग्रह किया। उन्होंने घोषणा की कि नगर निगम जल्द ही बायोगैस और ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए एक संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र स्थापित करेगा।
इसके अतिरिक्त, 31 मार्च 2025 तक निगम का लक्ष्य मौजूदा कचरा डंप को साफ करना और क्षेत्र को सार्वजनिक पार्क में बदलना है, यह लक्ष्य केवल शहर के निवासियों के सहयोग से ही प्राप्त किया जा सकता है।
इस कार्यक्रम में जिला स्वच्छता अधिकारी विपन सिंगला, जिला शिक्षा अधिकारी संजीव शर्मा, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पर्यावरण इंजीनियर गुरकरण सिंह, थापर विश्वविद्यालय, भारतीय प्रदूषण नियंत्रण एसोसिएशन और राउंड ग्लास फाउंडेशन के प्रतिनिधियों सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
कार्यक्रम में मेहंदी, रंगोली और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। प्रतिभागियों को उनके योगदान के सम्मान में जैविक खाद, कपड़े के थैले, गमले, अपशिष्ट पदार्थों से बने पौधे और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
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