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झारखंड में आयुष्मान भारत योजना में करोड़ों बकाया, कई अस्पतालों में इलाज बंद

Crores of rupees outstanding in Ayushman Bharat scheme in Jharkhand, treatment stopped in many hospitals

रांची, 8 जून । झारखंड में आयुष्मान भारत योजना के तहत पिछले छह महीनों से करोड़ों की बकाया राशि का भुगतान नहीं होने से कई प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने मरीजों का इलाज करने से हाथ खड़ा कर दिया है। सरकारी हॉस्पिटल्स में इस योजना के लाभार्थियों को इलाज कराने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

आईएमए और हॉस्पिटल्स बोर्ड ऑफ इंडिया की झारखंड इकाई ने केंद्र और राज्य की सरकारों से बकाया भुगतान की दिशा में तत्काल कदम उठाने की गुहार लगाई है।

आयुष्मान कार्ड धारक महेश दांगी नामक एक मरीज शुक्रवार को रांची के बरियातू स्थित एक बड़े हॉस्पिटल में इलाज कराने पहुंचा तो उसे काउंटर पर ही बता दिया गया कि यहां फिलहाल आयुष्मान कार्ड के तहत किसी तरह की सेवा नहीं मिल पाएगी।

जमशेदपुर के साकची इलाके में स्थित साई डायलिसिस सेंटर ने नोटिस बोर्ड पर सूचना चस्पा कर दी है कि नौ जून से आयुष्मान कार्ड धारकों को डायलिसिस की सुविधा नहीं दी जा सकेगी।

इस सेंटर के प्रोपराइटर अशोक कुमार का कहना है कि पिछले कई महीनों से योजना के तहत बकाया रकम का भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में सेवा जारी रखना कठिन हो गया है। इस शहर में कई अन्य हॉस्पिटल्स ने भी आयुष्मान के मरीजों को डायलिसिस सेवा बंद कर दी है। शुक्रवार को कई मरीजों ने जमशेदपुर के उपायुक्त से मुलाकात कर उन्हें इस समस्या से अवगत कराया और इस मामले का हल निकालने की गुहार लगाई।

रांची के एक प्राइवेट हॉस्पिटल के संचालक ने बताया कि पूरे राज्य में योजना के तहत निजी हॉस्पिटल्स के करीब 100 करोड़ रुपए फंसे हुए हैं। डॉक्टर और स्टाफ का भुगतान रोककर मरीजों को सेवा उपलब्ध कराना मुश्किल है। चिकित्सा उपकरणों के संचालन में भी हर दिन भारी खर्च होता है। ऐसे में हॉस्पिटल्स प्रबंधन को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी हॉस्पिटल्स में भी आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों को भारी परेशानी हो रही है। डॉक्टर उन्हें बाहर से दवाइयां और सर्जरी के सामान लाने को कहते हैं। राज्य के सबसे बडे हॉस्पिटल रिम्स का आयुष्मान योजना के तहत करीब 10 करोड़ रुपये बकाया है।

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