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इजरायल-ईरान संघर्ष में अमेरिकी हस्तक्षेप टलने के बाद कच्चे तेल की कीमत में आई गिरावट

Crude oil prices fall after US intervention in Israel-Iran conflict averted

वैश्विक बाजारों में शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली और ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77.24 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। इसकी वजह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से इजरायल-ईरान संघर्ष में अमेरिकी हस्तक्षेप को दो हफ्तों के लिए टलना है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल और ईरान संघर्ष में अमेरिका हस्तक्षेप करेगा या नहीं, इस पर फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले दो हफ्ते में लेंगे।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने राष्ट्रपति ट्रंप के हवाले से कहा, “निकट भविष्य में ईरान के साथ वार्ता होने या न होने की पर्याप्त संभावना है, राष्ट्रपति ट्रंप अगले दो सप्ताह में इस बारे में निर्णय लेंगे कि हस्तक्षेप करना है या नहीं।”

विश्लेषकों के मुताबिक, मध्य पूर्व में तनाव कम करने के लिए ईरान से ट्रंप की बातचीत की संभावना के कारण कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है।

ईरान ने मौजूदा स्थिति में अमेरिका के हस्तक्षेप के खिलाफ चेतावनी दी है। साथ ही कहा है कि इस तरह के किसी भी हस्तक्षेप से पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ेगा।

मध्य पूर्व कच्चा तेल का बड़ा निर्यातक क्षेत्र है। इस क्षेत्र में संघर्ष से दुनिया के बड़े कच्चे तेल निर्यातक देश सऊदी अरब, इराक, कुवैत और यूएई की तेल आपूर्ति पर असर हो सकता है, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।

इजरायल के हमलों ने ईरान के परमाणु स्थलों और मिसाइल ठिकानों को निशाना बनाया है, लेकिन इस्लामिक देश की तेल सुविधाओं पर हमला नहीं किया है।

13 जून को ईरान के परमाणु संयंत्रों और मिसाइल उत्पादन ठिकानों पर इजरायल के हमले के बाद मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में 9 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई थी।

बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 6 डॉलर से अधिक बढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल के पांच महीने के उच्चतम स्तर को पार कर गई थी।

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