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क्रिप्टो घोटाले के सरगना का साथी कोलकाता में गिरफ्तार

Crypto scam kingpin's accomplice arrested in Kolkata

शिमला, 19 जुलाई पुलिस ने आज यहां बताया कि 2,500 करोड़ रुपये से अधिक के क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के मास्टरमाइंड के मुख्य सहयोगियों में से एक मिलन गर्ग को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घोटाले में हिमाचल प्रदेश के एक लाख से अधिक निवेशकों को ठगा गया था।

2022 में 2,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आई क्रिप्टोकरेंसी घोटाला 2,500 करोड़ रुपये का है और एक लाख से अधिक निवेशकों को ठगा गया है
2022 में उजागर हुए इस घोटाले में अब तक 25 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है मेरठ के रहने वाले मिलन गर्ग (35) को बैंकॉक भागने की कोशिश करते हुए कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया गर्ग ही नकली क्रिप्टोकरेंसी सिक्कों के डिजाइन, संचालन, वेबसाइट और साथ ही उनके नेटवर्किंग के पीछे का व्यक्ति था

उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले गर्ग (35) को कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उस समय पकड़ा गया जब वह थाईलैंड के बैंकॉक भागने की कोशिश कर रहा था। उसे हिमाचल प्रदेश पुलिस को सौंप दिया गया और शिमला लाया गया।

पुलिस के अनुसार, गर्ग ही नकली क्रिप्टोकरेंसी कॉइन और वेबसाइट बनाने, उन्हें चलाने और उनकी नेटवर्किंग के पीछे का व्यक्ति था। उसने कोर्वियो कॉइन, डीजीटी कॉइन, फिश टोकन, बीटीपीपी टोकन डिजाइन किए थे, जिनका इस्तेमाल निवेशकों को अत्यधिक रिटर्न का लालच देकर किया जाता था।

2022 में घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद गर्ग दुबई भाग गया। हालांकि, वह जून में बांग्लादेश या नेपाल से भारत लौट आया और फिर से भागने की योजना बना रहा था, लेकिन कोलकाता एयरपोर्ट पर उसे पकड़ लिया गया। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था।

घोटाले की जांच के लिए गठित 13 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख उत्तरी रेंज के डीआईजी अभिषेक दुलार ने बताया कि आरोपी को शिमला वापस लाया गया और आज उसे सत्र न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे अगले दो दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि मामले में आगे की जांच जारी है।

यह घोटाला वर्ष 2018 में शुरू हुआ था, जब घोटालेबाजों ने निवेशकों को लुभाने के लिए पोंजी क्रिप्टोकरेंसी योजनाओं का इस्तेमाल किया था, जिसमें उन्हें कम समय में उनकी निवेशित पूंजी पर अत्यधिक रिटर्न का वादा किया गया था। वे निवेशकों से संपर्क करते थे, जिनमें सरकारी कर्मचारी और पुलिस कर्मी शामिल थे, जो स्थानीय रूप से विकसित क्रिप्टो कॉइन पर आधारित निवेश योजना के साथ आते थे। घोटालेबाज क्रिप्टो कॉइन की कीमतों में भी हेरफेर करते थे। हालांकि, बाद में निवेशकों को शक हुआ जब उन्हें पैसे मिलना बंद हो गए। उन्हें धमकी दी गई कि या तो चुप रहो या फिर अपना पैसा खो दो।

वर्ष 2023 में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान देहरा से तत्कालीन निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने इस मामले को उठाया था। सिंह ने घोटाले पर चिंता जताई थी, जिसके बाद उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मामले की जांच एसआईटी से कराने के आदेश दिए थे।

अब तक इस घोटाले में 25 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 70 लोगों के खिलाफ चार आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं। करोड़ों की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। हालांकि, घोटाले का सरगना मंडी जिले के सरकाघाट निवासी सुभाष शर्मा अभी भी भगोड़ा है और बताया जा रहा है कि वह संयुक्त अरब अमीरात में छिपा हुआ है।

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