बिना पूर्व अनुमति के किए गए विरोध प्रदर्शन के कारण चंडीगढ़ परिवहन उपक्रम (सीटीयू) के कई कर्मचारी कानूनी परेशानी में फंस गए हैं।
परिवहन निदेशक प्रद्युम्न सिंह की शिकायत के आधार पर सेक्टर-36 थाना पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223, एफआईआर संख्या 139 के तहत छह नामजद कर्मचारियों और कई अज्ञात अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
16 जून को ISBT-43 पर हुए इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) से जुड़े कर्मचारियों ने किया था। प्रदर्शनकारी CTU की नीतियों और कर्मचारियों की लंबित मांगों पर असंतोष व्यक्त कर रहे थे।
हालाँकि, यह विरोध प्रदर्शन प्राधिकारियों से किसी औपचारिक अनुमति के बिना आयोजित किया गया, जिससे बस परिचालन बाधित हुआ तथा व्यस्त परिवहन टर्मिनल पर जनता की आवाजाही बाधित हुई।
एफआईआर में सीटीयू के निम्नलिखित कर्मचारियों के नाम हैं:
- जोगिंदर सिंह
- ओम प्रकाश (कर्मचारी क्रमांक 537)
- रवीश कुमार (ड्राइवर नं. 124)
- मल्कियत सिंह (ड्राइवर नंबर 146)
- हाकम सिंह (कंडक्टर नं. 389)
- अन्य अज्ञात प्रतिभागी
पुलिस के अनुसार, विरोध प्रदर्शन में स्थापित प्रशासनिक प्रोटोकॉल और अनुशासनात्मक नियमों का उल्लंघन किया गया। धरने के लिए कोई पूर्व सूचना या अनुमति नहीं दी गई थी, जिसके कारण अधिकारियों ने इस सभा को अवैध माना।
चंडीगढ़ प्रशासन और परिवहन निदेशालय ने इस बात पर जोर दिया है कि प्रशासनिक आदेशों का उल्लंघन करने या सार्वजनिक सेवाओं में बाधा डालने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों ने यह भी संकेत दिया है कि वीडियो फुटेज और घटना के दौरान ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों के बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सकती है।
जांच आगे बढ़ने पर अतिरिक्त व्यक्तियों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। पुलिस वर्तमान में अनधिकृत प्रदर्शन के पीछे संदिग्ध विभिन्न संगठनों या यूनियनों की भूमिका की जांच कर रही है।
प्रशासन ने दोहराया है कि यद्यपि कर्मचारियों को अपनी चिंताओं को व्यक्त करने का अधिकार है, तथापि ऐसी कार्रवाइयों में आवश्यक सेवाओं में बाधा उत्पन्न होने से बचने के लिए वैध प्रक्रियाओं का पालन किया जाना चाहिए।
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