हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएचपी) को भारत सरकार के सांविधिक निकाय अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) की उन्नत अंतःविषयी अनुसंधान (पीएआईआर) पहल के तहत 10 करोड़ रुपये का अनुसंधान अनुदान मिला है। यह परियोजना भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रोपड़ के सहयोग से शुरू की जा रही है।
PAIR कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों की शोध क्षमता को बढ़ाना है, जहाँ शोध अभी भी अपने शुरुआती चरण में है, लेकिन जिनमें महत्वपूर्ण संभावनाएँ हैं। यह सहयोगी शोध नेटवर्क को प्रोत्साहित करता है और ऐसे संस्थानों के शैक्षणिक और वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने का प्रयास करता है।
सीयूएचपी के कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल ने बताया कि अनुदान में पांच प्रमुख शोध उपकरणों के लिए वित्त पोषण के अलावा विभिन्न शैक्षणिक और वैज्ञानिक गतिविधियों के लिए सहायता शामिल है। भौतिक और भौतिक विज्ञान स्कूल के डीन प्रोफेसर राजेश कुमार इस परियोजना के प्रमुख अन्वेषक (पीआई) के रूप में काम कर रहे हैं।
भौतिकी, रसायन विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान विभाग इस परियोजना में सक्रिय रूप से शामिल होंगे, जो तीन प्रमुख अनुसंधान क्षेत्रों पर केंद्रित है: इलेक्ट्रॉनिक सामग्री और उपकरण, ऊर्जा उत्पादन और भंडारण के लिए इंजीनियरिंग से संबंधित उपकरण और सामग्री। इस पहल से सीयूएचपी और आईआईटी रोपड़ के बीच घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान और नवाचार का मार्ग प्रशस्त होगा।
कुलपति ने कहा, “यह सीयूएचपी के लिए गर्व का क्षण है। यह विश्वविद्यालय के विकसित हो रहे शोध पारिस्थितिकी तंत्र को उजागर करता है और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्रों में अंतःविषय सहयोग के लिए नए अवसर खोलता है।”
इस परियोजना के तहत अत्याधुनिक उपकरण सुविधा की स्थापना से सीयूएचपी के शोध ढांचे में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे शोधकर्ताओं को सामग्रियों की सटीक पहचान करने, प्रयोगात्मक कार्यप्रवाह में तेजी लाने और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन के लिए उपयुक्त उच्च प्रभाव वाले शोध का उत्पादन करने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर कुलसचिव प्रोफेसर सुमन शर्मा और डीन अकादमिक प्रोफेसर प्रदीप कुमार कुलपति के साथ थे।