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सांस्कृतिक संगम मंडी जीवंत अंतर्राष्ट्रीय परेड से जीवंत हो उठा

Cultural confluence Mandi comes alive with vibrant International Parade

मंडी में 27 फरवरी से 5 मार्च तक चलने वाले छोटी काशी अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव के तीसरे दिन शानदार अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक परेड का आयोजन किया गया। शहरी एवं ग्रामीण नियोजन, तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने बड़े उत्साह के साथ परेड को हरी झंडी दिखाकर सांस्कृतिक उत्सव की शुरुआत की।

परेड डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के प्रवेश द्वार से शुरू होकर सेरी मंच से होते हुए इंदिरा मार्केट क्षेत्र का चक्कर लगाकर उसी स्थान पर समाप्त हुई। इसमें अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने अपने-अपने देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए सांस्कृतिक प्रदर्शन किया। यूक्रेन, थाईलैंड, श्रीलंका, मलेशिया और कजाकिस्तान के कलाकारों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित भारत के विभिन्न उत्तरी राज्यों के सांस्कृतिक समूहों ने भी भाग लिया। हिमाचल प्रदेश के चंबा, पांगी, भरमौर, शिमला, लाहौल-स्पीति, कुल्लू और सिरमौर जिलों के कलाकार भी परेड में शामिल हुए और विविध सांस्कृतिक प्रदर्शन में अपना योगदान दिया। मंडी के स्थानीय कलाकारों, जिनमें मांडव्य कला मंच, संगीत सदन, अमर युवक मंडल और संकल्प युवक मंडल शामिल थे, ने उत्सव को और समृद्ध बनाया।

राजेश धर्माणी ने ऐसे आयोजनों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ये आयोजन राष्ट्रों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक शक्तिशाली मंच के रूप में काम करते हैं। उन्होंने छोटी काशी अंतर्राष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव आयोजन समिति की उनके प्रयासों के लिए सराहना की और इस बात पर प्रकाश डाला कि सांस्कृतिक परेड ने उपस्थित लोगों को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों संस्कृतियों के मिश्रण का अनुभव करने का अवसर प्रदान किया। धर्माणी ने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसे आयोजन क्षेत्र की पारंपरिक ‘देव संस्कृति’ को बढ़ावा देते हैं, जिससे इसकी पहुंच भारत से आगे वैश्विक दर्शकों तक होती है।

परेड में कलाकारों ने अपने पारंपरिक परिधानों में विभिन्न करतब और नृत्य प्रस्तुत किए, जिससे उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का शानदार प्रदर्शन हुआ। इस कार्यक्रम में सेरी मंच और इंदिरा मार्केट में भारी भीड़ उमड़ी, जहां दर्शक जीवंत प्रदर्शन देखने के लिए एकत्र हुए।

सांस्कृतिक परेड एक दृश्य उत्सव के रूप में प्रस्तुत हुई, जिसमें वैश्विक और क्षेत्रीय सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों का सम्मिश्रण हुआ तथा विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा मिला।

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