नई दिल्ली, यहां की एक विशेष अदालत ने सोमवार को एनएसई की फोन टैपिंग से जुड़े 2009 और 2017 के बीच के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्ण की रिमांड चार दिन के लिए बढ़ा दी। उसकी हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। जांच एजेंसी ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि वे उसका दूसरों के साथ सामना करना चाहते हैं और इसलिए उसे और समय चाहिए।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उसकी हिरासत चार दिन के लिए बढ़ा दी।
एक सूत्र ने कहा, “फोन टैपिंग में पैसे की हेराफेरी की गई। फोन टैपिंग में किए गए भुगतान अपराध की कथित आय है। मुखौटा कंपनियां हैं। हम जानना चाहते हैं कि पूरे ऑपरेशन को कौन संभाल रहा था।”
ईडी का मामला सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर है। संघीय जांच एजेंसी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) के निर्देश पर यह मामला दर्ज किया था।
इससे पहले सीबीआई ने इस सिलसिले में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे का बयान दर्ज किया था। पांडे का बयान सीबीआई के मुंबई स्थित मुख्यालय में दर्ज किया गया था। पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस सिलसिले में मुंबई, पुणे और देश के कई अन्य हिस्सों में भी छापेमारी की थी।
ईडी ने कहा, “पांडे आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड चलाते थे। यह आरोप लगाया गया है कि रामकृष्ण ने एनएसई के कर्मचारियों के फोन टैप करने के लिए इस फर्म का इस्तेमाल किया। एनएसई कर्मचारियों द्वारा सुबह 9 बजे से 10 बजे के बीच किए गए फोन कॉल को टैप किया गया और आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा रिकॉर्ड किया गया। यह आरोप लगाया गया है कि पांडे ने फोन कॉल्स को अवैध रूप से टैप करने में मदद की।”
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