मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में हिमाचल प्रदेश पुलिस के साइबर विंग के ‘सीवाई-स्टेशन’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह स्टेशन 24×7 काम करेगा और साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों को अधिक कुशलता से संभालने के लिए सुसज्जित है। उन्होंने कहा कि नागरिक टोल-फ्री नंबर 1930 के माध्यम से अपनी साइबर अपराध शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘सीवाई-स्टेशन’ से शिकायतों का वास्तविक समय पर पंजीकरण संभव होगा, खास तौर पर वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में। उन्होंने कहा, “इससे नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली (सीएफसीएफआरएमएस) के माध्यम से धोखाधड़ी की गई राशि को ब्लॉक करने या ग्रहणाधिकार चिह्नांकन करने में सुविधा होगी।”
उन्होंने कहा, “डेटा सेंटर राज्य के लिए नोडल हब के रूप में कार्य करेगा, एनसीआरपी के जिला पोर्टल के कामकाज की देखरेख करेगा, सभी शिकायतों और की गई कार्रवाई का डेटाबेस बनाए रखेगा और भविष्य की रणनीतियों के लिए प्रमुख निर्णय लेने वाले केंद्र के रूप में कार्य करेगा।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ‘सीवाई-स्टेशन’ आधुनिक तकनीक से पूरी तरह सुसज्जित है, ताकि त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि स्टेशन में प्रशिक्षित ऑपरेटरों को तैनात किया गया है, साथ ही कॉल रिकॉर्डिंग के लिए स्वचालित सॉफ्टवेयर से लैस किया गया है, जिससे प्रभावी फॉलो-अप और संदर्भ सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा, “डाटा सेंटर का नेटवर्क बुनियादी ढांचा हिमाचल प्रदेश के साइबर बुनियादी ढांचे और केंद्रीकृत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के बीच एक रणनीतिक कड़ी के रूप में काम करेगा और ऐसे मामलों में जहां शिकायत को सुधार के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान को सौंपा गया है, डाटा सेंटर शिकायतकर्ता के साथ समन्वय में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए समर्पित प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, “इस आधुनिकीकरण पहल का उद्देश्य पुलिस बल की दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है, जिससे अंततः सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार होगा और राज्य के लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी।”